
#रांची #न्यूरोसर्जरी #महावीर_मेडिका_ब्रेन_सर्जरी | मणिपाल नेटवर्क का हिस्सा बना मरीजों की नई उम्मीद
- भगवान महावीर मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल ने रांची में 3 हफ्तों में 6 जटिल ब्रेन ट्यूमर सर्जरी कर रचा रिकॉर्ड
- डॉ. विक्रम सिंह की टीम ने गंभीर स्थिति वाले मरीजों की सफल सर्जरी कर जीवन बचाया
- 6 वर्षीय बालक से लेकर 58 वर्षीया महिला तक को मिला नया जीवन
- मरीजों में कई आर्थिक रूप से कमजोर, जिनके इलाज में दी गई छूट या सरकारी योजना से मदद
- उपलब्धि पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में विशेषज्ञों ने साझा की सफलता की कहानी
मेडिकल चमत्कार की मिसाल बनी मेडिका अस्पताल की न्यूरोसर्जरी टीम
रांची के भगवान महावीर मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल (मणिपाल हॉस्पिटल्स नेटवर्क का हिस्सा) ने न्यूरोसर्जरी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर छू लिया है। अस्पताल ने सिर्फ 3 सप्ताह के अंदर 6 जटिल ब्रेन ट्यूमर सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देकर उन्नत चिकित्सा के क्षेत्र में एक नया इतिहास रच दिया।
इस उपलब्धि को लेकर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ. विक्रम सिंह, डॉ. अमित कुमार (सीनियर कंसल्टेंट, न्यूरोसर्जरी), डॉ. सतीश शर्मा (कंसल्टेंट, मेडिकल ऑन्कोलॉजी) और डॉ. विजय कुमार मिश्रा (मेडिकल डायरेक्टर) मौजूद थे।
“हर सर्जरी अपने आप में चुनौतीपूर्ण थी — कभी ट्यूमर की संवेदनशील स्थिति, तो कभी मरीज की उम्र और आर्थिक स्थिति। लेकिन टीमवर्क और मरीजों की हिम्मत ने नतीजों को चमत्कारी बना दिया।” — डॉ. विक्रम सिंह
केस 1: 58 वर्षीय महिला, अचेतावस्था में भर्ती, 10 घंटे की सर्जरी के बाद नया जीवन
रांची की एक 58 वर्षीय गृहिणी को अचेतावस्था में भर्ती कराया गया था। उनके मस्तिष्क में बड़ा ट्यूमर था, जिससे अत्यधिक दबाव बन गया था। लगभग 10 घंटे लंबी सर्जरी के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया और 12वें दिन पूरी तरह होश में आकर डिस्चार्ज कर दिया गया।
उनकी बेटी, जो विदेश में डॉक्टर हैं, पूरे इलाज के दौरान वर्चुअल माध्यम से संपर्क में बनी रहीं।
केस 2: गया की 30 वर्षीय युवती, ब्रेनस्टेम के पास ट्यूमर, सुरक्षित निकाला गया
गया की एक युवती चलने में दिक्कत और एक कान से सुनाई न देने की समस्या लेकर अस्पताल पहुंची थीं। जांच में पता चला कि ट्यूमर ब्रेनस्टेम के पास था, जहां से शारीरिक कार्य नियंत्रित होते हैं।
मेडिका की टीम ने माइक्रोस्कोप और एंडोस्कोप की मदद से सर्जरी कर सुरक्षित तरीके से ट्यूमर निकाला। ऑपरेशन के बाद वे पूरी तरह सामान्य हो गईं।
आर्थिक सहायता भी अस्पताल द्वारा प्रदान की गई।
केस 3: पुरुलिया के 6 वर्षीय बालक को मिला जीवनदान
पश्चिम बंगाल के पुरुलिया से आए 6 वर्षीय बालक को मस्तिष्क के पिछले हिस्से में ट्यूमर था। बच्चों में ऐसी स्थिति जानलेवा हो सकती है।
ट्यूमर को सफलतापूर्वक हटाकर केवल 4 दिनों में डिस्चार्ज कर दिया गया। जांच में ट्यूमर कैंसरमुक्त पाया गया और बच्चा अब सामान्य जीवन जी रहा है।
केस 4: रामगढ़ के 14 वर्षीय किशोर को लकवे से उबारा
रामगढ़ से आए 14 वर्षीय किशोर के मस्तिष्क में ट्यूमर के कारण दाहिने शरीर में लकवा हो गया था। परिवार के पास इलाज का पैसा नहीं था।
मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना के तहत मुफ्त इलाज किया गया। सर्जरी के बाद किशोर फिर से चलने-फिरने लगे हैं और स्वास्थ्य में निरंतर सुधार है।
अन्य दो केस: उच्च-जोखिम वाली सर्जरी में भी सफलता
इन प्रमुख मामलों के अतिरिक्त दो और हाई-रिस्क ब्रेन ट्यूमर सर्जरी को भी सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। यह दर्शाता है कि मेडिका अस्पताल में उन्नत संसाधनों और विशेषज्ञता की कोई कमी नहीं है।
“हमारा उद्देश्य है कि झारखंड और आसपास के राज्यों के मरीजों को राज्य के बाहर न जाना पड़े। हम किफायती और संवेदनशील चिकित्सा सेवा के लिए प्रतिबद्ध हैं।” — डॉ. विजय कुमार मिश्रा, मेडिकल डायरेक्टर
न्यूज़ देखो: चिकित्सा में उम्मीद की नई कहानी
भगवान महावीर मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल की यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि जब सही समय पर सटीक इलाज, सहानुभूति और क्लिनिकल दक्षता मिलती है, तो सबसे कठिन परिस्थितियों में भी जीवन बचाया जा सकता है।
न्यूज़ देखो हर उस कहानी को सामने लाता है जो उम्मीद, साहस और सफलता की प्रेरणा देती है। स्वास्थ्य क्षेत्र की ऐसी कहानियाँ न सिर्फ प्रेरणादायक हैं, बल्कि यह भी बताती हैं कि उन्नत चिकित्सा अब सिर्फ महानगरों तक सीमित नहीं है।