
#रांची #भूमिअधिग्रहण : मुआवजा भुगतान को लेकर चार अलग-अलग स्थानों पर लगेंगे कैम्प — जिला भू अर्जन कार्यालय ने जारी की तिथि और समय
- 28 से 31 जुलाई तक चार गांवों में लगेगा मुआवजा भुगतान कैम्प।
- रांची जिले की कुटियातु से कोचबोंग तक सड़क निर्माण में अधिग्रहित भूमि के रैयतों को मिलेगा मुआवजा।
- प्रत्येक कैम्प में दोपहर 12:30 बजे से 4:30 बजे तक लिया जाएगा आवेदन।
- दावा फॉर्म वितरण से लेकर भूमि सत्यापन तक की जिम्मेदारी प्रतिनियुक्त कर्मियों को सौंपी गई।
- सभी प्रतिनियुक्त कर्मियों को रैयतवार विवरण कार्यालय में जमा करने का निर्देश।
रांची में अधिग्रहित भूमि के लिए तैयार हुआ मुआवजा कैम्प का खाका
रांची जिला प्रशासन के निर्देश पर कुटियातु मोड़ से कोचबोंग तक बनने वाली सड़क परियोजना के लिए जिन ग्रामीणों की भूमि ली गई है, उन्हें अब उनके हिस्से का मुआवजा मिलेगा। इसके लिए जिला भू-अर्जन कार्यालय की ओर से चार अलग-अलग गांवों में विस्तृत मुआवजा भुगतान कैम्प लगाए जाएंगे।
कब और कहां लगेगा कैम्प?
इन कैम्पों में अधिग्रहण से प्रभावित ग्रामीणों से आवेदन लिए जाएंगे और उनकी भूमि का प्रतिवेदन तैयार कर भुगतान की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।
- 28 जुलाई 2025: हेथू, सामुदायिक भवन, समय: 12:30 PM से 4:30 PM
- 29 जुलाई 2025: चंदाघासी, पंचायत भवन, समय: 12:30 PM से 4:30 PM
- 30 जुलाई 2025: कोचबोंग, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, समय: 12:30 PM से 4:30 PM
- 31 जुलाई 2025: ईटे/मरियातु, आंगनबाड़ी केंद्र, समय: 12:30 PM से 4:30 PM
प्रतिनियुक्त कर्मियों को सौंपी गई अहम जिम्मेदारी
प्रत्येक स्थल पर प्रशासनिक कर्मियों की नियुक्ति की गई है, जो न केवल आवेदन फार्म का वितरण करेंगे, बल्कि भूमि की स्थिति का सत्यापन कर प्रतिवेदन तैयार करने का काम भी करेंगे। सभी प्रतिनियुक्त कर्मियों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि वे हर दिन का रैयतवार विवरण कार्यालय में समर्पित करें।
एक वरिष्ठ भू-अर्जन पदाधिकारी ने बताया: “प्रत्येक प्रभावित रैयत को उनका उचित हक मिले, इसके लिए पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से की जा रही है।”
न्यूज़ देखो: रैयतों के अधिकारों की सशक्त आवाज
भूमि अधिग्रहण से जुड़े मामलों में पारदर्शिता और समयबद्धता हमेशा एक चुनौती रही है। लेकिन इस बार जिला प्रशासन ने पूर्व नियोजित तरीके से मुआवजा वितरण की पहल कर एक सकारात्मक संदेश दिया है। यह कैम्प व्यवस्था दिखाती है कि प्रशासन अगर चाहे तो ग्रामीणों को उनके अधिकार दिलाना संभव है।
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सजग नागरिक बनें, अधिकारों की रक्षा करें
आपका हक तभी सुरक्षित रहेगा जब आप सजग रहेंगे। अगर आपकी भूमि इस परियोजना में अधिग्रहित हुई है, तो तय तिथि पर कैम्प में जाकर अपना आवेदन जरूर दें। इस खबर को अपने गांव-समुदाय के लोगों से साझा करें, ताकि कोई भी रैयत वंचित न रह जाए।