
#रांची – बीजेपी के बंद का मिला-जुला असर, पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की झड़प के अलावा हालात काबू में:
- बीजेपी नेता अनिल टाइगर हत्याकांड के विरोध में रांची बंद जारी।
- कई इलाकों में प्रदर्शन, टायर जलाकर विरोध, पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाई।
- हत्याकांड में शामिल रोहित वर्मा गिरफ्तार, दूसरा आरोपी अमन सिंह अब भी फरार।
- बीजेपी नेताओं ने सीएम हेमंत सोरेन के इस्तीफे की मांग की।
- पुलिस ने हत्या के पीछे जमीनी विवाद और व्यक्तिगत दुश्मनी को बताया कारण।
रांची में कैसा रहा बंद का असर?
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता अनिल टाइगर हत्याकांड के विरोध में 27 मार्च 2025 को बुलाया गया रांची बंद जारी है। बीजेपी कार्यकर्ता और समर्थक सड़कों पर उतरकर टायर जला रहे हैं, नारेबाजी कर रहे हैं और कई जगहों पर बाजार बंद कराए जा रहे हैं।
शहर में मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिली है—कुछ इलाकों में बंद का व्यापक असर है, तो कुछ जगहों पर दुकानें और वाहन सामान्य रूप से चलते नजर आए। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है और कई जगहों पर हल्की झड़प भी हुई है।
पुलिस ने रांची के संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त बल तैनात किया है और कुछ बीजेपी नेताओं को हिरासत में भी लिया गया है।
हत्या में शामिल आरोपियों पर पुलिस की कड़ी कार्रवाई
बीजेपी नेता अनिल टाइगर (अनिल महतो) की हत्या के मामले में पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एक आरोपी रोहित वर्मा को एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार कर लिया।
“रोहित वर्मा के पैर में गोली लगी थी, उसे रिम्स में भर्ती कराया गया है। शुरुआती जांच में हत्या का कारण जमीनी विवाद और व्यक्तिगत दुश्मनी बताया जा रहा है।” – पुलिस अधिकारी
दूसरा आरोपी अमन सिंह अब भी फरार है, और पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए सघन छापेमारी कर रही है।
बीजेपी का हमला, सीएम से इस्तीफे की मांग
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, सांसद संजय सेठ, और अन्य बीजेपी नेताओं ने राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस्तीफे की मांग की।
“रांची क्राइम कैपिटल बन चुका है। खुलेआम दिनदहाड़े हत्याएं हो रही हैं और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।” – बाबूलाल मरांडी, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष
न्यूज़ देखो — रांची में बढ़ते अपराध पर लोगों में आक्रोश
रांची में अनिल टाइगर हत्याकांड और बढ़ते अपराध को लेकर जनता के बीच गहरा रोष है। कई लोग इसे कानून व्यवस्था की नाकामी मानते हैं, तो कुछ इसे राजनीतिक साजिश भी बता रहे हैं। पुलिस इस मामले में हर पहलू से जांच कर रही है और जल्द ही बाकी आरोपियों को पकड़ने का दावा कर रही है।
क्या आपको लगता है कि इस तरह के विरोध प्रदर्शन और बंद अपराध पर लगाम लगाने में कारगर साबित होते हैं?
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