रांची: राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ने 27 से 30 नवंबर तक रांची के बाहरी इलाकों में नक्सल विरोधी जंगल अभ्यास ‘अभ्यास-थंडरबोल्ट’ का आयोजन किया। इसका उद्देश्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की क्षमता को बढ़ाना और नक्सलियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली नवीनतम रणनीतियों से निपटने की तैयारी करना था।
अभ्यास का फोकस
- नक्सली खतरों का पूर्वानुमान: संभावित खतरों की पहचान कर, सुरक्षा रणनीतियों को मजबूत करना।
- आपसी समन्वय: झारखंड पुलिस के विशेष बल, झारखंड जगुआर, आतंकवाद विरोधी दस्ता, और केंद्रीय बलों के साथ सामंजस्य बैठाना।
- जमीनी अनुभव: जंगल अभियानों के लिए व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना।
- सटीक प्रतिक्रिया: बंधकों को छुड़ाने, आईईडी का पता लगाने, और जंगल ऑपरेशनों को कुशलतापूर्वक अंजाम देने की रणनीतियों का अभ्यास।
प्रदर्शन और सहयोग
एसपी (एटीएस) कार्यालय में एनएसजी ने नक्सल अभियानों में इस्तेमाल होने वाले आधुनिक हथियारों और उपकरणों का प्रदर्शन किया।
अभ्यास में, नक्सली गुरिल्ला युद्ध के तरीकों और ट्रैपिंग रणनीतियों को शामिल किया गया।
एनएसजी के साथ झारखंड पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों का सक्रिय सहयोग किया गया।
प्रमुख उद्देश्य
यह अभ्यास संकट की स्थिति में त्वरित और सटीक निर्णय लेने की क्षमता विकसित करने के साथ-साथ, स्थानीय प्रशासन और केंद्रीय एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के लिए आयोजित किया गया। एनएसजी ने इसे एक “यथार्थवादी अनुभव” प्रदान करने वाला महत्वपूर्ण अभ्यास बताया।
महत्व और आगे का कदम
- नक्सल क्षेत्रों में सुरक्षा ग्रिड को मजबूत बनाना।
- स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा एजेंसियों के बीच एकजुटता बढ़ाना।
- झारखंड में नक्सल खतरों से निपटने के लिए नई कार्ययोजनाओं को लागू करना।
यह अभ्यास झारखंड में सुरक्षा बलों के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है, क्योंकि यह न केवल नक्सली खतरों को कम करने में सहायक होगा, बल्कि क्षेत्र में सुरक्षा और शांति कायम करने में भी योगदान देगा।