
#राँची #साइबर_ठगी — 81 वर्षीय बुजुर्ग के बैंक खातों से निकाले 3.26 लाख रुपये, राँची पुलिस ने तकनीकी साक्ष्य के आधार पर की गिरफ़्तारी
- 81 वर्षीय बुजुर्ग चुंडा पूर्ति से 3.26 लाख की साइबर ठगी
- चाईबासा के ग्राहक सेवा केंद्र संचालक प्रशांत और रुपेश खिलार गिरफ्तार
- राँची पुलिस ने 2.57 लाख रुपये नकद और मोबाइल फोन किए बरामद
- एटीएम कार्ड का फोटो और मोबाइल सिम पोर्ट कर बनाई गई फर्जी UPI ID
- शेष ट्रांजैक्शन की जांच जारी, बाकी राशि भी जल्द होगी बरामद
बुजुर्ग के दो बैंक खातों से 6 दिन में उड़ाए गए लाखों रुपये
81 वर्षीय चुंडा पूर्ति के साथ हुई साइबर ठगी का मामला धुर्वा थाना, राँची में दर्ज कराया गया था। पीड़ित ने बताया कि 5 अप्रैल से 11 अप्रैल 2025 के बीच उनके दो बैंक खातों से कुल ₹3,26,278 की अवैध निकासी कर ली गई थी। जब पुलिस ने जांच शुरू की, तो सामने आया कि जिस सीएसपी (ग्राहक सेवा केंद्र) से बुजुर्ग नियमित तौर पर पैसा निकालते थे, उसी केंद्र के संचालकों ने इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया।
सिम पोर्टिंग के जरिए बनाया UPI, फिर की ठगी
ठगी की साजिश प्रशांत खिलार और उसके भाई रुपेश खिलार ने मिलकर रची थी। दोनों ने पहले बुजुर्ग के एटीएम कार्ड की तस्वीरें लीं, फिर उनके बैंक से जुड़ी मोबाइल सिम को पोर्ट कर नया सिम प्राप्त किया। इसके बाद फर्जी UPI ID बनाकर बुजुर्ग के खातों से लाखों की निकासी की गई। आरोपी प्रशांत ने दो लाख रुपये निकालकर अपने भाई रुपेश के खाते में ट्रांसफर भी कर दिए थे।
तकनीकी साक्ष्य के आधार पर चाईबासा में हुई छापेमारी
राँची के एसएसपी के निर्देश पर साइबर डीएसपी के नेतृत्व में छापेमारी दल का गठन किया गया। जांच के आधार पर आरोपियों की पहचान होते ही ग्राम कोटगढ़, थाना नोवामुंडी, जिला पश्चिम सिंहभूम स्थित उड़िया टोला से दोनों भाइयों प्रशांत और रुपेश खिलार को गिरफ्तार किया गया। दोनों के पिता का नाम बागुन खिलार है।
बड़ी राशि और सबूत बरामद
एसएसपी राँची ने बताया: “गिरफ्तार अभियुक्तों की निशानदेही पर ₹2,57,200 नकद और एक मोबाइल फोन बरामद किया गया है। शेष रकम को ग्राहकों और परिचितों के खातों में ट्रांसफर किया गया था, जिसे भी जल्द जब्त किया जाएगा।”
अपराध स्वीकार, बाकी आरोपियों की तलाश जारी
गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ में अपने अपराध को स्वीकार कर लिया है। पुलिस अब उन बैंक खातों और खाताधारकों की तलाश कर रही है जिनके माध्यम से बाकी रकम को छुपाया गया है। इस साइबर ठगी में इस्तेमाल किए गए डिजिटल माध्यमों की जांच भी तेज़ी से की जा रही है।
न्यूज़ देखो: बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए जरूरी है साइबर सतर्कता
यह घटना डिजिटल तकनीक के गलत इस्तेमाल का गंभीर उदाहरण है। बुजुर्गों को अब डिजिटल फ्रॉड से बचाने के लिए न सिर्फ जागरूकता की जरूरत है बल्कि सीएसपी केंद्रों की भी सख्ती से निगरानी होनी चाहिए। न्यूज़ देखो राँची पुलिस की तत्परता और तकनीकी सूझबूझ की सराहना करता है, जिसने सीमित समय में दोनों अपराधियों को पकड़ लिया और बड़ी राशि भी बरामद कर ली।
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समाज से अपील: डिजिटल लेनदेन में सतर्कता रखें
डिजिटल माध्यमों से लेनदेन करते समय एटीएम कार्ड की गोपनीयता, मोबाइल नंबर सुरक्षा और बैंक संबंधित OTP या UPI जानकारी किसी को भी साझा न करें। खासकर बुजुर्गों को इन मामलों में परिवारजनों की सहायता लेनी चाहिए।
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