
#बानो #रेलदुर्घटना : रांची रेल मंडल ने युद्धस्तर पर किया काम – 26 घंटे में फिर चली पहली मालगाड़ी
- रांची–राउरकेला रेल खंड के कनारोआं स्टेशन के पास 29 अक्टूबर सुबह 10 बजे मालगाड़ी हुई दुर्घटनाग्रस्त।
- हादसा पोल संख्या 524/29 से 524/32 के बीच हुआ, जिसके बाद ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह ठप।
- रांची रेल मंडल प्रबंधक करुणा निधि सिंह और दक्षिण पूर्व रेलवे जीएम ने मौके पर पहुंच लिया स्थिति का जायजा।
- रांची, आद्रा और चक्रधरपुर मंडल के अधिकारियों ने मिलकर 26 घंटे में जेटीएल-1 लाइन बहाल की।
- पहली मालगाड़ी को दुरुस्त ट्रैक पर चलाकर सेवा की पुनर्बहाली की शुरुआत हुई।
29 अक्टूबर की सुबह रांची रेल मंडल के रांची–राउरकेला रेल खंड पर एक बड़ा हादसा हुआ जब कनारोआं स्टेशन के पास पोल संख्या 524/29 से 524/32 के बीच एक मालगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हादसे के बाद पूरे रेल सेक्शन में ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया। इस घटना से न सिर्फ माल परिवहन प्रभावित हुआ बल्कि यात्रियों को भी असुविधा का सामना करना पड़ा। सूचना मिलते ही रांची रेल मंडल के अधिकारी हरकत में आए और स्थिति को संभालने के लिए तत्काल स्थल पर पहुंच गए।
त्वरित कार्रवाई और उच्चस्तरीय मॉनिटरिंग
जैसे ही दुर्घटना की खबर रेलवे मुख्यालय पहुंची, दक्षिण पूर्व रेलवे के जनरल मैनेजर ने गार्डेनरीच, कोलकाता से अपनी टीम के साथ मौके पर कैंप किया। घटनास्थल पर लगातार उच्चस्तरीय निगरानी रखी गई ताकि बहाली कार्य में किसी भी तरह की देरी न हो। इस बीच रांची रेल मंडल प्रबंधक करुणा निधि सिंह ने स्थल पर पहुंचकर खुद मरम्मत कार्य की प्रगति का जायजा लिया। उन्होंने रेल कर्मचारियों को युद्ध स्तर पर ट्रैक बहाली कार्य शुरू करने का निर्देश दिया।
बहाली कार्य में तीन मंडलों की संयुक्त टीम
इस कठिन परिस्थिति में रांची मंडल के साथ-साथ आद्रा और चक्रधरपुर रेल मंडल के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सभी ने मिलकर रात-दिन काम किया ताकि जल्द से जल्द रेल सेवा शुरू की जा सके। 26 घंटे की लगातार मेहनत के बाद जेटीएल-1 लाइन को पूरी तरह दुरुस्त कर दिया गया। इसके बाद इसी लाइन से पहली मालगाड़ी चलाई गई जिससे यह स्पष्ट हो गया कि ट्रैक सुरक्षित है और परिचालन बहाल हो सकता है।
रेल पथ निरीक्षक के अनुसार जेटीएल-1 लाइन पूरी तरह चालू कर दी गई है, वहीं दूसरी लाइन पर मरम्मत कार्य जारी है जो जल्द ही पूरा हो जाएगा। घटनास्थल पर अब भी रांची रेल मंडल के वरिष्ठ पदाधिकारी कैंप कर रहे हैं ताकि ट्रैक बहाली का काम तेजी से पूरा किया जा सके।
रांची रेल मंडल प्रबंधक करुणा निधि सिंह ने कहा: “रेलकर्मियों की सतत मेहनत और समर्पण से हम मात्र 26 घंटे में लाइन बहाल करने में सफल हुए हैं। हमारा प्रयास है कि जल्द ही दोनों लाइनें पूरी तरह दुरुस्त कर दी जाएं।”
रेल प्रशासन की सतर्कता और प्रतिबद्धता
रेल प्रशासन ने दिखाया कि आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया और बेहतर समन्वय से कैसे बड़ी समस्या का समाधान किया जा सकता है। इस कार्य में न केवल तकनीकी दल बल्कि सुरक्षा कर्मियों और स्थानीय प्रशासन ने भी सहयोग किया। दुर्घटना के कारणों की जांच की जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
यात्रियों के लिए संदेश और सावधानी
रेल प्रशासन ने जनता से अपील की है कि बहाली कार्य के दौरान ट्रैक क्षेत्र में अनावश्यक आवाजाही से बचें। मरम्मत कार्य के पूरा होने के बाद ट्रेनों की रफ्तार सामान्य की जाएगी। रेलवे ने भरोसा दिलाया है कि सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता पर रहेगी और यात्रियों की सुविधा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
न्यूज़ देखो: जिम्मेदारी और तत्परता का उदाहरण
रांची रेल मंडल और दक्षिण पूर्व रेलवे प्रशासन ने एक बार फिर साबित किया कि आपात परिस्थितियों में भी त्वरित कार्रवाई और टीम भावना से किसी भी संकट को पार किया जा सकता है। 26 घंटे में ट्रैक बहाली और सेवा पुनः शुरू होना रेलवे की कार्यकुशलता और प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
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सजग रहें, सतर्क बनें – जिम्मेदारी के साथ सहयोग करें
रेल दुर्घटनाएं न केवल तकनीकी बल्कि मानवीय जिम्मेदारी की भी याद दिलाती हैं। ऐसे में जरूरी है कि नागरिक और स्थानीय लोग भी सतर्क रहें और रेलवे सुरक्षा नियमों का पालन करें। किसी भी दुर्घटना या असामान्य स्थिति की सूचना तुरंत रेलवे अधिकारियों तक पहुंचाएं।
सुरक्षा हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और जागरूकता फैलाएं ताकि सुरक्षित यात्रा का संकल्प हम सब मिलकर पूरा कर सकें।




