रांची: श्री श्याम ध्वजा पदयात्रा की तैयारियां पूरी, 2 मार्च को निकलेगी भव्य शोभायात्रा

हाइलाइट्स

2 मार्च को होगी भव्य श्री श्याम ध्वजा पदयात्रा

श्री श्याम ध्वजा पदयात्रा समिति के तत्वावधान में भव्य ध्वजा निशान पदयात्रा की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। समिति के संयोजक गोपाल मुरारका एवं प्रवक्ता संजय सर्राफ ने बताया कि 2 मार्च, रविवार को सुबह 8 बजे यह पदयात्रा नेवरी विकास विद्यालय के समीप स्थित श्री दुर्गा मंदिर से प्रारंभ होगी

पदयात्रा रांची के प्रमुख मार्गों से होकर गुजरेगी, जिसमें बूटी मोड़, बरियातू रोड, सर्कुलर रोड, कचहरी रोड, मेन रोड, अप्पर बाजार शामिल हैं। श्री खाटू श्याम मंदिर, हरमू रोड पहुंचने के बाद ध्वजा निशान अर्पित कर यात्रा संपन्न होगी।

17 किमी की धार्मिक यात्रा

श्री खाटू धाम की परंपरा अनुसार 17 किमी की यह यात्रा रिंगस से खाटू धाम की दूरी के समान होगी। श्याम भक्तों की सुविधा के लिए सुबह 6 बजे से 6:30 बजे तक हरमू रोड स्थित श्री श्याम मंदिर से बस की व्यवस्था भी उपलब्ध होगी

भक्तों के लिए विशेष सुविधाएं

पदयात्रा में सैकड़ों श्याम भक्त पारंपरिक पोशाकों में शामिल होंगे और श्री श्याम ध्वजा लहराते हुए सुमधुर भजनों से माहौल भक्तिमय बनाएंगे। भक्तों के लिए यात्रा के मध्य में विश्राम, शुद्ध पेयजल, शरबत और भोजन प्रसादी की अनुपम व्यवस्था की गई है।

जगह-जगह होगा स्वागत

पूरे मार्ग में सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं द्वारा श्याम भक्तों का भव्य स्वागत किया जाएगा। इस पवित्र यात्रा में शामिल होने के इच्छुक भक्त समिति से संपर्क कर अपना नाम दर्ज करवा सकते हैं और ध्वजा पदयात्रा निशान कार्ड प्राप्त कर सकते हैं

आयोजन समिति का सहयोग

कार्यक्रम को सफल बनाने में हरिशंकर परशुरामपुरिया, ललित कुमार पोद्दार, गोपाल मुरारका, राजेश ढांढनियां, अशोक लाडिया, रवि चौधरी, संजय परशुरामपुरिया, मनोज खेतान, प्रवीण सिंघानिया, विष्णु चौधरी, हेमंत जोशी, आनंद चौधरी, प्रदीप अग्रवाल, रोहित अग्रवाल, प्रमोद परशुरामपुरिया, अमित शर्मा, संजय सर्राफ, नवीन डोकानियां, निकुंज पोद्दार, सूरज लोधा सहित कई श्रद्धालु भक्त अपना पूर्ण सहयोग दे रहे हैं

‘न्यूज़ देखो’ – आस्था और भक्ति की अद्भुत झलक

श्री श्याम ध्वजा पदयात्रा सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भक्तों की श्रद्धा, विश्वास और भक्ति का भव्य उत्सव है। यह यात्रा खाटू श्याम जी के प्रति अटूट आस्था का प्रतीक है। सवाल यह है कि क्या यह आयोजन हर साल और भव्य रूप में आयोजित किया जाएगा? क्या प्रशासन और भक्तों का सहयोग इसे और दिव्य बना सकता है? ‘न्यूज़ देखो’ इस ऐतिहासिक आयोजन को कवर करता रहेगा।

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