#रांची – सरना स्थल पर तनाव, सरना धर्मावलंबियों की बढ़ी नाराजगी:
- सिरमटोली सरना स्थल पर अजय तिर्की के समर्थकों और प्रदर्शनकारियों में झड़प
- प्रदर्शनकारियों ने मंच से अजय तिर्की को हटाने की मांग की
- अजय तिर्की के समर्थकों ने प्रदर्शनकारियों पर अपशब्द कहने का आरोप
- सरना धर्मावलंबियों ने ताला तोड़कर पांच मंजिला भवन में प्रवेश किया
- अजय तिर्की पर बाउंसर बुलाने और धमकी देने के आरोप
- प्रशासन ने माहौल शांत करने के लिए पुलिस बल तैनात किया
- पूर्व सांसद सुबोधकांत सहाय और उनकी बेटी ने सरना स्थल पर पूजा की
सरना स्थल पर तीखी झड़प, मंच से हटाने की मांग
रांची के मुख्य सरना स्थल सिरमटोली में मंगलवार को अजय तिर्की के समर्थकों और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी झड़प हो गई। सरना धर्मावलंबियों का आरोप है कि अजय तिर्की जब तक सरना स्थल पर मौजूद रहेंगे, तब तक सरहुल शोभायात्रा नहीं निकाली जाएगी और न ही ढोल-नगाड़े बजेंगे।
स्थिति तब बिगड़ गई, जब मंच पर बैठे लोगों ने नीचे खड़े प्रदर्शनकारियों को अपशब्द कहना शुरू कर दिया, जिसके बाद दोनों गुटों के बीच टकराव हो गया। प्रदर्शनकारियों ने मंच से अजय तिर्की को हटाने की मांग की, जबकि उनके समर्थक मंच पर डटे रहे।
सरना स्थल के भवन को लेकर विवाद
प्रदर्शनकारियों ने सिरमटोली सरना स्थल के पांच मंजिला भवन का ताला तोड़ दिया और उसमें प्रवेश कर गए। उनका कहना है कि यह भवन सभी आदिवासियों के लिए बना है, लेकिन अजय तिर्की इसे बंद करके रखते हैं, जिससे समुदाय के लोगों में नाराजगी बढ़ गई है।
अजय तिर्की पर बाउंसर बुलाने और धमकी देने के आरोप
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि अजय तिर्की ने बाहरी बाउंसर बुलाकर माहौल खराब करने की कोशिश की। उनका दावा है कि अजय तिर्की के समर्थकों की ओर से उन्हें जान से मारने की धमकियां भी दी जा रही हैं।
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हम सभी आदिवासियों के अधिकार की बात कर रहे हैं, लेकिन अजय तिर्की अपने समर्थकों के साथ हमें धमका रहे हैं।”
प्रशासनिक हस्तक्षेप और सुरक्षा बढ़ाई गई
घटनास्थल पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, जिसके चलते प्रशासन ने अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है। अधिकारी सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं।
प्रशासन का कहना है कि जल्द ही सभी पक्षों के साथ बैठक कर मामले को सुलझाने की कोशिश की जाएगी।
पूर्व सांसद सुबोधकांत सहाय ने सरना स्थल में की पूजा
पूर्व सांसद सुबोधकांत सहाय और उनकी बेटी यशस्वनी सहाय सरहुल के मौके पर सिरमटोली सरना स्थल पहुंचे और पूजा-अर्चना की।
सुबोधकांत सहाय ने कहा, “सरहुल सिर्फ आदिवासियों का त्योहार नहीं, बल्कि सामूहिक प्रेम और सहिष्णुता का प्रतीक है। यह त्योहार हमें प्राकृतिक तत्वों का सम्मान करने और समाज में एकता बनाए रखने का संदेश देता है।”
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रांची के सरना स्थल पर बढ़ते तनाव और आदिवासी समाज की नाराजगी प्रशासन के लिए चुनौती बनी हुई है। ऐसे ही महत्वपूर्ण अपडेट्स और स्थानीय खबरों के लिए जुड़े रहें ‘न्यूज़ देखो’ के साथ।
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