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रांची की सावित्री कुमारी बनीं लखपति दीदी, विविध आजीविकाओं से सालाना 3-4 लाख की आमदनी

#रांची #महिला_सशक्तिकरण : खेती, सूकर पालन, मछली और बतख पालन से सावित्री ने रची सफलता की कहानी

रांची जिले के कांके प्रखंड के पेरतोल गांव की सावित्री कुमारी पहले केवल खेती पर निर्भर थीं। आर्थिक तंगी के बीच उन्होंने ‘शीतल महिला समूह’ से जुड़कर अपनी जिंदगी बदल दी। समूह ने उन्हें खेती की आधुनिक तकनीकों की जानकारी दी, जिसके बाद उन्होंने पारंपरिक फसलों को अपनाया और अतिरिक्त आजीविकाओं में कदम रखा।

विविध आजीविकाओं से आर्थिक मजबूती

सावित्री अब मड़ुआ, घंघरा और उरद जैसी पौष्टिक फसलें उगाती हैं। इसके साथ उन्होंने सूकर पालन और मछली पालन की शुरुआत की। इन प्रयासों से उनकी आय में लगातार वृद्धि हुई। हाल ही में उन्हें मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत प्रोत्साहन राशि मिली, जिससे उन्होंने बतख पालन शुरू किया।

सालाना 3-4 लाख की कमाई, बनीं लखपति दीदी

आज सावित्री की सालाना आमदनी 3 से 4 लाख रुपये तक पहुंच चुकी है। वह अपने क्षेत्र में लखपति दीदी के नाम से जानी जाती हैं और अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बन रही हैं।

न्यूज़ देखो: महिला सशक्तिकरण की मिसाल

सावित्री की यह उपलब्धि बताती है कि संगठित प्रयास और योजनाओं का सही उपयोग महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बना सकता है। यह न सिर्फ आजीविका विविधीकरण का उदाहरण है बल्कि ग्रामीण महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने का रास्ता भी खोलता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

समय है बदलाव को अपनाने का

सावित्री जैसी कहानियां हमें दिखाती हैं कि संगठित प्रयास और सरकारी योजनाओं के सहयोग से ग्रामीण महिलाएं भी आर्थिक स्वतंत्रता हासिल कर सकती हैं। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को अपने दोस्तों व परिवार के साथ शेयर करें ताकि और लोग प्रेरित हों।

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