
#जमशेदपुर #साकची – स्वरवर्णिक समाज का विरोध, साकची थाना में प्रदर्शन:
- साकची बस स्टैंड के पास पलंग विक्रेता सनातन चंद्रा और उनके भगिना मोनू माझी पर 15-17 युवकों ने किया जानलेवा हमला।
- आरोपियों ने पहले लूटपाट की, फिर लाठी और भुजाली से हमला कर दिया।
- गंभीर रूप से घायल दोनों को टीएमएच में भर्ती कराया गया, सनातन चंद्रा की स्थिति नाजुक।
- स्थानीय दुकानदारों का आरोप – रंगदारी मांगने वाले युवक लगातार कर रहे हैं उत्पीड़न।
- घटना के विरोध में स्वरवर्णिक समाज ने साकची थाना में किया प्रदर्शन।
जमशेदपुर के साकची बस स्टैंड के पास पलंग मार्केट में सोमवार दोपहर एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। सनातन चंद्रा और उनके भगिना मोनू माझी पर छायानगर बस्ती की ओर से आए 15 से 17 युवकों ने हमला कर दिया। पहले उन्होंने दुकान में लूटपाट की और फिर विरोध करने पर लाठी व भुजाली से बेरहमी से मारपीट कर दी।
घटना के बाद सभी आरोपी छायानगर की ओर फरार हो गए। स्थानीय दुकानदारों ने तत्काल सनातन चंद्रा और मोनू माझी को टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) पहुंचाया, जहां उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।
व्यापारियों में दहशत
सनातन चंद्रा के पुत्र अविनाश चंद्रा ने बताया कि कुछ युवक दुकान से टेबल उठाकर ले गए, और थोड़ी देर बाद दोबारा आकर रंगदारी की मांग करने लगे। जब सनातन चंद्रा ने इसका विरोध किया, तो गल्ले में रखे सारे पैसे लूट लिए और जानलेवा हमला कर दिया।
स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि छायानगर के कुछ युवक आए दिन पलंग मार्केट में रंगदारी मांगते हैं और विरोध करने पर दुकानदारों के साथ मारपीट करते हैं। इस घटना के बाद व्यापारियों में भारी दहशत है।
स्वरवर्णिक समाज का आक्रोश
इस घटना से आक्रोशित होकर स्वरवर्णिक समाज के लोगों ने साकची थाना पहुंचकर प्रदर्शन किया और आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की। समाज के लोगों ने कहा कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।
‘न्यूज़ देखो’ की नज़र: जमशेदपुर में कब रुकेगी रंगदारी की घटनाएं?
जमशेदपुर में बढ़ते अपराध और रंगदारी की घटनाएं गंभीर चिंता का विषय बन चुकी हैं। व्यापारी और आम नागरिक सुरक्षा को लेकर डरे हुए हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ‘न्यूज़ देखो’ इस मामले पर अपनी पैनी नजर बनाए रखेगा और आपको हर अपडेट पहुंचाता रहेगा। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
इस घटना ने शहर में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या प्रशासन अब भी चुप रहेगा, या इन असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा? आपकी राय हमें कमेंट में जरूर बताएं और इस खबर को ज्यादा से ज्यादा साझा करें।