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डंडई में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पथ संचलन: शताब्दी वर्ष परंपरा और अनुशासन का अनूठा प्रदर्शन

#गढ़वा #संघ_शताब्दी : सैकड़ों स्वयंसेवकों ने गणवेश में अनुशासित पंक्तियों में किया मार्च

गढ़वा जिले के डंडई में शनिवार की शाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में पथ संचलन का आयोजन हुआ। इस अवसर पर डंडई खंड के सैकड़ों स्वयंसेवक परंपरागत गणवेश में अनुशासनबद्ध पंक्तियों में शामिल हुए। पथ संचलन ने नगरवासियों के बीच सांस्कृतिक एकता और अनुशासन का अनुपम संदेश दिया।

शोभायात्रा का मार्ग और स्वागत

पथ संचलन की शुरुआत श्री हरिहर मंदिर प्रांगण से हुई। वहां से शोभायात्रा देवी धाम, मुख्य बाजार, अंबेडकर चौक और श्री हनुमान मंदिर तक पहुंची। इसके बाद पुनः देवी धाम से होकर यात्रा का समापन हरिहर मंदिर में किया गया। मार्गभर स्थानीय लोगों ने फूलों से स्वागत किया और जगह-जगह जयघोष गूंजते रहे।

संघ की यात्रा पर बौद्धिक परिचर्चा

इस अवसर पर बौद्धिककर्ता के रूप में उपस्थित श्री लव कुमार पांडे ने कहा कि संघ की स्थापना से लेकर आज तक की 100 वर्षों की यात्रा भारतीय संस्कृति और राष्ट्रभावना को जन-जन तक पहुंचाने की कहानी है।

लव कुमार पांडे ने कहा: “संघ का उद्देश्य केवल संगठन खड़ा करना नहीं है, बल्कि भारतीय संस्कृति, धर्म और राष्ट्रभावना को जन-जन तक पहुंचाना है। स्वयंसेवकों को अपने जीवन में अनुशासन, सेवा और राष्ट्र के प्रति समर्पण को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए।”

नेतृत्व और अनुशासन

पथ संचलन में जिला प्रचारक श्री बासुकीनाथ, खंड कार्यवाह श्री प्रवीण और खंड शारीरिक शिक्षण प्रमुख श्री शशि भूषण विशेष रूप से उपस्थित रहे। इनके मार्गदर्शन में पूरा आयोजन अनुशासन और शांति के साथ सम्पन्न हुआ। स्वयंसेवकों की सुसंगठित पंक्तियों ने शताब्दी वर्ष के इस अवसर को और भव्य बना दिया।

सुरक्षा और जनसमर्थन

आयोजन के दौरान डंडई थाना पुलिस बल ने पूरे रूट पर सतर्कता बरती और सुरक्षा सुनिश्चित की। स्थानीय नागरिकों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम समाज में एकता, अनुशासन और सांस्कृतिक चेतना का संदेश देते हैं।

न्यूज़ देखो: अनुशासन और संस्कृति का संगम

डंडई में हुआ पथ संचलन यह दर्शाता है कि अनुशासन और संगठन केवल किसी संगठन की पहचान नहीं बल्कि समाज में एकता और संस्कृति को जीवित रखने का मार्ग है। यह आयोजन न केवल स्वयंसेवकों को प्रेरणा देता है बल्कि समाज को भी सांस्कृतिक चेतना से जोड़ता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

राष्ट्रभावना से जुड़े रहना ही सच्ची सेवा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पथ संचलन हमें यह संदेश देता है कि अनुशासन, सेवा और एकता ही राष्ट्र निर्माण की मूलधारा हैं। समाज के हर नागरिक को अपने स्तर पर जिम्मेदारी निभानी चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियां एक सशक्त और संस्कारित भारत देखें। आइए, इस खबर को साझा करें और अपने विचार कमेंट कर बताएं कि आपके अनुसार ऐसे कार्यक्रम समाज में क्या बदलाव लाते हैं।

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