
#बगोदर #प्रवासी_मजदूर : अचानक हुई रतन साव की मृत्यु से धरगुल्ली गांव में गमगीन माहौल, परिजनों को मुखिया प्रतिनिधि ने दी सांत्वना।
- बगोदर थाना क्षेत्र के धरगुल्ली गांव के प्रवासी मजदूर रतन साव की मुंबई में इलाज के दौरान मृत्यु।
- शव शनिवार सुबह मुंबई से पैतृक गांव धरगुल्ली पहुँचा।
- परिजनों और ग्रामीणों में कोहराम, शोक की लहर।
- घटना पर धरगुल्ली मुखिया प्रतिनिधि प्रकाश यादव ने परिजनों को हिम्मत दी और शोक संवेदना व्यक्त की।
गिरिडीह के बगोदर थाना क्षेत्र स्थित धरगुल्ली गांव के निवासी रतन साव, जो मजदूरी के लिए मुंबई गए थे, वहां अचानक तबियत बिगड़ने के बाद बाबा अस्पताल में इलाज के दौरान चल बसे। उनके पैतृक गांव पहुंचते ही पूरे गांव में शोक और मातम का माहौल बन गया। परिजनों के आंसू और चित्कार से गांव का वातावरण गमगीन हो गया।
मुखिया प्रतिनिधि की संवेदनाएँ
धरगुल्ली मुखिया प्रतिनिधि प्रकाश यादव ने घटना पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की और परिजनों को धैर्य रखने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे दुखद समय में समुदाय का सहयोग और एकजुटता परिजनों के लिए सहारा बन सकती है।
मुखिया प्रतिनिधि प्रकाश यादव ने कहा: “रतन साव की असमय मृत्यु से हम सभी दुखी हैं। परिवार को धैर्य और साहस बनाए रखने की आवश्यकता है। हमारी पंचायत हर संभव सहायता के लिए तैयार है।”
प्रभावित परिवार और गांव
शव के आगमन पर पूरे गांव में शोक और स्तब्धता का माहौल बन गया। ग्रामीणों ने परिजनों को सांत्वना दी और उन्हें कठिन समय में सहयोग देने का आश्वासन दिया। घटना से यह बात स्पष्ट हुई कि प्रवासी मजदूरों की कठिनाइयों और स्वास्थ्य सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

न्यूज़ देखो: प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा और सामाजिक सहानुभूति
रतन साव की आकस्मिक मृत्यु समाज में प्रवासी मजदूरों की परिस्थितियों और स्वास्थ्य सुरक्षा की संवेदनशीलता को उजागर करती है। समुदाय और प्रशासन को ऐसे मामलों में समय पर मदद और जागरूकता सुनिश्चित करनी चाहिए।
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सहानुभूति, जागरूकता और सुरक्षा का संदेश
प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा और स्वास्थ्य की दिशा में सजग रहना आवश्यक है। समुदाय और परिवार के सहयोग से मुश्किल समय में सहारा बनें। अपने विचार साझा करें, इस खबर को शेयर करें और ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर जागरूकता फैलाएँ।





