#कोलेबिरा #राशनसंकट : कार्ड धारियों ने इमामबाड़ा में बैठक कर मुखिया अंजना लकड़ा को सौंपा आवेदन और त्वरित समाधान की मांग की
- कोलेबिरा पंचायत के कार्ड धारियों को लगातार तीन माह से राशन नहीं मिला।
- इमामबाड़ा के पास बैठक कर ग्रामीणों ने समस्या मुखिया अंजना लकड़ा को बताई।
- मुखिया ने कहा कि यह उनकी भी समस्या है और आपूर्ति पदाधिकारी से मिलेंगी।
- डीलर ने तकनीकी समस्या के कारण राशन वितरण नहीं हो पाने की बात मानी।
- अंचल अधिकारी अनूप कच्छप ने भी तकनीकी कारणों से देरी स्वीकार की और आश्वासन दिया।
कोलेबिरा पंचायत के सैकड़ों कार्ड धारियों को तीन महीने से राशन नहीं मिल पा रहा है। इस गंभीर समस्या को लेकर सोमवार को इमामबाड़ा के पास ग्रामीणों ने एक बैठक की। बैठक में पंचायत की मुखिया अंजना लकड़ा को आमंत्रित किया गया, जहां ग्रामीणों ने अपनी परेशानी साझा की। उन्होंने कहा कि पहले महिला समूह के माध्यम से राशन मिल रहा था, लेकिन अब नाम बदलकर दूसरे डीलर के पास जोड़ दिए जाने के बाद से स्थिति बिगड़ गई है। पिछले तीन माह से उन्हें सरकारी अनाज बिल्कुल नहीं मिला, जिससे परिवारों में भोजन का संकट खड़ा हो गया है।
कार्ड धारियों की परेशानी
ग्रामीणों ने कहा कि छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि तकनीकी गड़बड़ी का हवाला देकर उनके अधिकार से उन्हें वंचित किया जा रहा है।
मुखिया अंजना लकड़ा का आश्वासन
ग्रामीणों की व्यथा सुनकर मुखिया अंजना लकड़ा ने आश्वासन दिया कि वे समस्या का समाधान कराने के लिए व्यक्तिगत रूप से विभागीय अधिकारियों से मिलेंगी।
अंजना लकड़ा ने कहा: “आपकी समस्या मेरी भी समस्या है। मैं आपूर्ति पदाधिकारी से मिलकर सुनिश्चित करूंगी कि जल्द से जल्द सभी परिवारों को उनका हक मिल सके।”
डीलर और प्रशासन की स्थिति
कार्ड धारियों ने बताया कि जब उन्होंने डीलर से पूछा तो उसने भी माना कि तकनीकी समस्या के चलते राशन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। डीलर ने इसकी जानकारी अंचल अधिकारी और जिला आपूर्ति पदाधिकारी को भी दी है।
इस मामले पर अंचल अधिकारी सह खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी अनूप कच्छप ने कहा:
अनूप कच्छप ने कहा: “तकनीकी दिक्कत की वजह से डीलरों तक राशन नहीं पहुंच पाया है। जैसे ही विभाग से राशन उपलब्ध होगा, सभी पात्र परिवारों को बकाया समेत पूरा राशन दिया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है ताकि जल्द से जल्द समस्या का समाधान हो।
ग्रामीणों की उम्मीदें
बैठक में ग्रामीणों ने प्रशासन और मुखिया के आश्वासन पर भरोसा जताया, लेकिन साथ ही कहा कि जब तक राशन उनके हाथों में नहीं पहुंचता, तब तक वे संतुष्ट नहीं होंगे। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि समस्या का तत्काल हल नहीं हुआ तो वे सामूहिक आंदोलन भी करेंगे।

न्यूज़ देखो: भूख और तकनीकी समस्या का संगम
यह घटना दर्शाती है कि तकनीकी गड़बड़ी या लापरवाही सीधे तौर पर गरीब परिवारों की थाली को प्रभावित करती है। बुनियादी जरूरतों की अनदेखी से न सिर्फ आक्रोश बढ़ता है बल्कि आमजन का भरोसा भी डगमगाता है। प्रशासन को चाहिए कि वे इस संकट को प्राथमिकता पर सुलझाएं ताकि लोगों का विश्वास बहाल हो सके।
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अधिकार की रक्षा में सबकी भागीदारी
राशन जैसी बुनियादी सुविधा हर नागरिक का अधिकार है और इसे सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी। साथ ही समाज को भी जागरूक रहकर अपने हक के लिए संगठित होना होगा।
अब वक्त है कि हम सब मिलकर आवाज उठाएं ताकि कोई भी परिवार भूखा न सोए। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि जागरूकता फैले और समाधान की रफ्तार तेज हो।