
#गुमला #राशन_घोटाला : लरंगो गांव के लाभुकों का जुलाई-अगस्त का राशन गायब — डीलर और महिला मंडल के बीच फंसे ग्रामीण
- गुमला जिले के लरंगो गांव में 26 परिवारों को जुलाई और अगस्त महीने का राशन नहीं मिला
- डीलर और सरस्वती महिला मंडल एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं
- लाभुकों को बरसात में राशन के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है
- पैरा विकलांग सोहन उरांव जैसे लाभुक भी इस परेशानी से जूझ रहे हैं
- ग्रामीणों ने घोटाले की जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है
सरकार ने दी राहत, मगर जमीनी हकीकत कुछ और
झारखंड सरकार ने बरसात के कठिन समय को देखते हुए जून, जुलाई और अगस्त महीने का राशन एक साथ देने का निर्णय लिया था, ताकि दुर्गम इलाकों के लाभुकों को परेशानी न हो। इस निर्णय से लाखों ग्रामीणों को राहत मिलनी थी, लेकिन गुमला जिले के सिसई प्रखंड अंतर्गत लरंगो गांव में 26 परिवारों को अभी तक जुलाई और अगस्त महीने का राशन नहीं मिला है।
डीलर और महिला मंडल में उलझा मामला
ग्रामीणों के अनुसार, पहले उनका राशन चांपी की सरस्वती महिला मंडल से मिल रहा था, जहां जून महीने तक वितरण हुआ। लेकिन जुलाई और अगस्त महीने का राशन नहीं दिया गया। जब ग्रामीणों ने पूछताछ की तो महिला मंडल की ओर से कहा गया कि “अब राशन डीलर तबरेज अंसारी से मिलेगा।”
ग्रामीण जब तबरेज अंसारी के पास पहुंचे तो उन्होंने जवाब दिया कि “जुलाई और अगस्त का राशन सरस्वती महिला मंडल के पास ही भेजा गया है।” ऐसे में लाभुक कभी डीलर के पास, कभी महिला मंडल के पास भटक रहे हैं, मगर राशन नहीं मिल रहा।
राशन के लिए संघर्ष करते विकलांग लाभुक
इन 26 लाभुकों में सोहन उरांव जैसे व्यक्ति भी हैं, जो पूरी तरह से पैरों से विकलांग हैं और किसी की मदद के बिना चल-फिर नहीं सकते। उन्हें भी बार-बार अलग-अलग जगह जाकर जानकारी लेनी पड़ रही है।
लाभुक जयराम उरांव ने कहा: “हम गरीब लोग हैं। बरसात के समय में सरकार के राशन से ही घर का चूल्हा जलता है। लेकिन दो महीने से हमें कुछ नहीं मिला।”
विरोध और कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों ने एकजुट होकर राशन गबन के विरोध में आवाज उठाई है और प्रशासन से तत्काल जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि सरकार की योजना तो अच्छी है, लेकिन बीच में कुछ लोग इसका फायदा उठाकर गरीबों का हक छीन रहे हैं।
लाभुक सुशांति उराईन ने कहा: “हम अब सरस्वती महिला मंडल भी जा चुके हैं और तबरेज के पास भी। कोई भी राशन देने को तैयार नहीं है। क्या हम भूखे मरें?”
रेड़वा गांव में भी सामने आई गड़बड़ी
सूत्रों के अनुसार, सिर्फ लरंगो ही नहीं, बल्कि रेड़वा गांव में भी राशन डीलर ने एक महीने का राशन गबन किया है। यदि प्रशासन गहराई से जांच करे, तो यह संभावना है कि गुमला जिले में कई डीलर इस तरह का घोटाला कर रहे हैं।
न्यूज़ देखो: जमीनी हकीकत से उठती पीड़ा की पुकार
न्यूज़ देखो ने गुमला के लरंगो गांव में राशन वितरण में हुई अनियमितता और लाभुकों की तकलीफों को उजागर किया है। सरकार की योजनाओं का लाभ तभी मिल सकता है जब मध्यस्त स्तर पर पारदर्शिता हो और जवाबदेही सुनिश्चित की जाए। गरीबों के निवाले से खिलवाड़ किसी भी स्तर पर स्वीकार्य नहीं है।
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