
#बानो #रावण_दहन : समड़ेगा बानो दुर्गा पूजा समिति के आयोजन में हल्की बारिश और रंगबिरंगी आतिशबाजी के बीच रावण दहन संपन्न
- समड़ेगा बानो दुर्गा पूजा समिति के आयोजन में रावण दहन कार्यक्रम विधिपूर्वक संपन्न।
- गन्धर्व सिंह ने धूप-अगरबत्ती दिखाकर माता रानी की पूजा और विदाई दी।
- प्रखण्ड विकास पदाधिकारी नैमुदिन अंसारी ने कहा कि दुर्गा पूजा अंधकार से ज्योति, सत्य और असत्य के पर्व का संदेश देती है।
- थाना प्रभारी मानव मंयक ने सुरक्षा निर्देश देते हुए भीड़ प्रबंधन पर जोर दिया।
- कार्यक्रम में हल्की बारिश, पटाखों की आवाज और रंगबिरंगी आतिशबाजी के बीच जय श्री राम के उद्घोष गूंजे।
बानो प्रखंड में समड़ेगा बानो दुर्गा पूजा समिति द्वारा आयोजित रावण दहन कार्यक्रम इस बार हल्की बारिश के बीच संपन्न हुआ। कार्यक्रम का प्रारंभ गन्धर्व सिंह ने धूप और अगरबत्ती के साथ माता रानी की पूजा और रावण दहन के लिए आवश्यक विधि के अनुसार किया। प्रखंड विकास पदाधिकारी नैमुदिन अंसारी ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि दुर्गा पूजा अंधकार से ज्योति, सत्य और असत्य के पर्व का प्रतीक है और माता रानी का आशीर्वाद हमेशा हम सब पर बना रहे।
प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था
इस अवसर पर थाना प्रभारी मानव मंयक ने उपस्थित लोगों को सुरक्षा के दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रावण दहन के दौरान रावण के समीप जाने का प्रयास न करें और भीड़ में किसी अप्रत्याशित घटना की सूचना तुरंत समिति के सदस्यों या प्रशासन को दें। इसके अलावा दर्शकों से यह भी अनुरोध किया गया कि रेलवे लाइन की ओर न जाएँ ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना न हो।
विकास साहू, अध्यक्ष दुर्गा पूजा समिति ने कहा: “जिस तरह से इस कार्यक्रम में भीड़ उमड़ी, वह माता के प्रति आप सभी की भक्ति को दर्शाता है। माता की कृपा आप सभी पर बनी रहे। हम प्रशासन का सहयोग लेकर सुरक्षित और विधिपूर्वक आयोजन करते हैं।”
रावण दहन का उत्सव
हल्की बारिश के बीच रावण दहन के दौरान रंगबिरंगी आतिशबाजी और पटाखों की आवाज ने कार्यक्रम को और भी मनोरम बना दिया। जय श्री राम के उद्घोष के बीच रावण पुतला विधिपूर्वक जलाया गया। कार्यक्रम का संचालन विश्वनाथ बड़ाईक और टीपी मनोहरन ने किया। मौके पर तिलकु चौरसिया, बिलु अग्रवाल, दीपक महतो, संतोष साहू, बेदप्रकाश खत्री, बिनोद कश्यप, रूपेश सिंह समेत कई लोग उपस्थित रहे।
न्यूज़ देखो: सुरक्षित और विधिपूर्वक आयोजनों की आवश्यकता
यह कार्यक्रम दिखाता है कि उत्सवों में सुरक्षा और भक्ति दोनों का संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। प्रशासन और समिति के सदस्यों की तत्परता ने बड़ी दुर्घटना से बचाया।
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सावधानी और भक्ति के संग सुरक्षित उत्सव
त्योहार केवल उल्लास का नहीं, बल्कि सुरक्षित और सावधानीपूर्ण ढंग से मनाने का संदेश भी देते हैं। माता की भक्ति के साथ सुरक्षा नियमों का पालन करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। अपने अनुभव साझा करें, इस खबर को दोस्तों और परिवार के साथ साझा करें और आने वाले आयोजनों में सुरक्षित और आनंदमय उत्सव सुनिश्चित करें।