पिता को मुखाग्नि देकर लोकतंत्र का धर्म निभाने विधानसभा पहुंचे रविंद्र महतो
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के वरिष्ठ नेता और नाला विधानसभा क्षेत्र के विधायक रबींद्रनाथ महतो ने एक बार फिर झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष (स्पीकर) के रूप में जिम्मेदारी संभाली है। मंगलवार को झारखंड विधानसभा सत्र के दूसरे दिन उन्हें सर्वसम्मति से अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचित किया गया।
निर्वाचन प्रक्रिया
अध्यक्ष पद के लिए प्रस्ताव मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रखा, जिसका समर्थन टुंडी के विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने किया। कुल सात प्रस्ताव रबींद्रनाथ महतो को निर्वाचित करने के लिए पेश किए गए, जिनमें प्रमुख रूप से मंत्री राधा कृष्ण किशोर, विधायक सुरेश पासवान, अरूप चटर्जी, बाबूलाल मरांडी, सरयू राय, और जयराम कुमार महतो के नाम शामिल हैं।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रबींद्रनाथ महतो को अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचाया और उन्हें पदभार ग्रहण कराया।
लगातार दूसरी बार बने अध्यक्ष
रबींद्रनाथ महतो झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में दूसरी बार निर्वाचित हुए हैं। उनकी सर्वसम्मति से नियुक्ति को सभी दलों ने सराहा।
पुत्रधर्म और जनप्रतिनिधि की जिम्मेदारी निभाई
इस विशेष सत्र में रबींद्रनाथ महतो ने एक ऐसा उदाहरण पेश किया जो चर्चा का विषय बन गया। सत्र से ठीक एक दिन पहले उनके पिता गोलक बिहारी महतो का निधन हो गया था। पिता को मुखाग्नि देने के बाद उन्होंने हिंदू परंपरा के अनुसार कफन का वस्त्र पहनकर शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया।
उन्होंने अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए न केवल पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाया, बल्कि विधानसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए जनप्रतिनिधि के रूप में अपनी जिम्मेदारी का भी पालन किया।
अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया
राजद विधायक सुरेश पासवान, भाकपा माले विधायक अरूप चटर्जी, और सरयू राय ने रबींद्रनाथ महतो को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुने जाने पर शुभकामनाएं दीं।
रबींद्रनाथ महतो का यह कदम उनके जनप्रतिनिधि और परिवार के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उनकी सादगी और कर्तव्यपरायणता की सराहना पूरे राज्य में हो रही है।