
#गढ़वा #कानून : पत्रकार रामनिवास तिवारी ने यूट्यूब चैनल लोकार्पण के बाद कहा फोन कॉल रिकॉर्ड कर ब्लैकमेल करना आईटी एक्ट के तहत गंभीर अपराध है
- पत्रकार रामनिवास तिवारी ने फोन कॉल रिकॉर्डिंग को कानूनन जुर्म बताया।
- उन्होंने कहा कि आईटी एक्ट धारा 66 इ के तहत तीन साल की सजा और दो लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान है।
- ब्लैकमेल करने के लिए कॉल रिकॉर्डिंग का दुरुपयोग हो रहा है।
- तिवारी ने “कानून की जानकारी” यूट्यूब चैनल का लोकार्पण किया।
- निर्दोष लोगों को बचाने के लिए उन्होंने मोबाइल नंबर 6204907311 जारी किया।
- वकीलों और प्रशासन पर अनुचित वसूली का आरोप लगाया।
गढ़वा जिले में आयोजित एक कार्यक्रम में झारखंड पत्रकार संगठन के जिला प्रभारी रामनिवास तिवारी ने कानून की गंभीर जानकारियां साझा करते हुए लोगों को जागरूक किया। उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल “कानून की जानकारी” का लोकार्पण करते हुए स्पष्ट कहा कि किसी भी व्यक्ति का फोन कॉल रिकॉर्ड करना और उसे सार्वजनिक करना कानून की नजर में अपराध है। आजकल लोग इसी हथकंडे का इस्तेमाल कर ब्लैकमेलिंग कर रहे हैं और पीड़ितों से लाखों रुपए ऐंठ रहे हैं।
आईटी एक्ट की धारा 66 इ का उल्लंघन
तिवारी ने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 इ के अनुसार अगर कोई व्यक्ति किसी की निजी जानकारी को उसकी अनुमति के बिना सार्वजनिक करता है तो उसे तीन साल की सजा और दो लाख रुपए तक जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि प्राइवेसी का उल्लंघन न सिर्फ गैरकानूनी है बल्कि समाज और व्यक्तिगत जीवन पर गंभीर प्रभाव डालता है।
रामनिवास तिवारी ने कहा: “आज लोग ब्लैकमेल करने के लिए फोन कॉल रिकॉर्ड कर सार्वजनिक करने की धमकी देते हैं। यह कानून के खिलाफ है और इस पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
निर्दोष लोग क्यों फंसते हैं मुकदमों में
पत्रकार ने बताया कि दहेज उत्पीड़न, दहेज हत्या, बलात्कार और जमीन विवाद जैसे मामलों में जानकारी की कमी के कारण हजारों निर्दोष लोग जेल की सजा काट रहे हैं। तिवारी ने आरोप लगाया कि कई बार वकील और प्रशासन पैसे लेकर नाम हटाने या मामलों को समझाने का काम करते हैं जिससे गरीब और अनजान लोग शोषण के शिकार हो जाते हैं।
कानूनी मदद के लिए जारी किया नंबर
रामनिवास तिवारी ने आगे कहा कि उन्होंने इस स्थिति को देखते हुए कानूनी जानकारी और निर्दोषों की मदद के लिए अपना मोबाइल नंबर 6204907311 जारी किया है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे किसी भी कानूनी मामले में गुमराह होने से बचें और सही जानकारी लेकर ही कदम उठाएं।
यूट्यूब चैनल से जागरूकता अभियान
अपने नए यूट्यूब चैनल “कानून की जानकारी” के बारे में तिवारी ने कहा कि इसका उद्देश्य आम नागरिकों को कानून की बारीकियों से अवगत कराना है। इससे न केवल लोग अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होंगे बल्कि समाज में चल रही ब्लैकमेलिंग और धोखाधड़ी जैसी घटनाओं पर भी अंकुश लगेगा।
न्यूज़ देखो: कानूनी जागरूकता ही असली सुरक्षा
गढ़वा से उठी यह आवाज बताती है कि आम नागरिकों को कानून की सटीक जानकारी होना कितना जरूरी है। फोन कॉल रिकॉर्डिंग जैसे अपराधों पर रोक तभी लगेगी जब लोग इसके कानूनी परिणामों से वाकिफ होंगे। पत्रकार की यह पहल समाज में जागरूकता और न्याय के प्रति भरोसा बढ़ाने का कार्य करेगी।
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कानून को जानें और आगे बढ़ें
आज समय की मांग है कि हम अपने अधिकारों और कर्तव्यों की जानकारी रखें। सही कानूनी जानकारी हमें न सिर्फ शोषण से बचाती है बल्कि दूसरों की मदद करने का अवसर भी देती है। अपनी राय कॉमेंट करें, इस खबर को साझा करें और कानूनी जागरूकता की इस मुहिम को आगे बढ़ाएं।