
#गढ़वा #स्वास्थ्य : औचक निरीक्षण में अनियमितताएं उजागर, जांच पूरी होने तक अस्पताल बंद
- मझिआंव प्रखंड मुख्यालय स्थित राधाकृष्ण हॉस्पिटल का हुआ निरीक्षण।
- संचालक मौके पर नहीं मिले, न ही कोई डॉक्टर या मरीज मौजूद था।
- सिविल सर्जन डॉ. जॉन एफ. कनेडी ने गंभीर गड़बड़ियां पाईं।
- मेडिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत अस्पताल का रजिस्ट्रेशन निलंबित।
- जांच पूरी होने तक अस्पताल का संचालन रहेगा बंद।
गढ़वा जिले के मझिआंव प्रखंड मुख्यालय में सोमवार को स्वास्थ्य प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए निजी अस्पताल राधाकृष्ण हॉस्पिटल एवं अल्ट्रासाउंड सेंटर का संचालन अस्थायी रूप से बंद करवा दिया। यह कदम उस समय उठाया गया जब एसडीएम संजय कुमार पांडेय के औचक निरीक्षण के दौरान अस्पताल में गंभीर अनियमितताएं पाई गई थीं।
अस्पताल में न डॉक्टर न मरीज
निरीक्षण के दौरान अस्पताल खुला तो मिला, लेकिन अंदर न कोई डॉक्टर मौजूद था और न ही कोई मरीज। अस्पताल संचालक भी मौके पर नहीं थे। इस पर सिविल सर्जन डॉ. जॉन एफ. कनेडी ने स्वयं विस्तृत जांच की और संचालक से फोन पर जानकारी मांगी। लेकिन संतोषजनक उत्तर न मिलने और कई खामियां सामने आने के बाद उन्होंने कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया।
रजिस्ट्रेशन निलंबित, संचालन पर रोक
डॉ. कनेडी ने बताया कि मेडिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत राधाकृष्ण हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। जब तक पूरी जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक अस्पताल का संचालन बंद रहेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी भी संस्थान को बख्शा नहीं जाएगा।
सिविल सर्जन डॉ. जॉन एफ. कनेडी ने कहा: “जनता की स्वास्थ्य सुरक्षा सर्वोपरि है। जो अस्पताल निर्धारित मानकों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”
प्रशासन की सख्ती से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की उम्मीद
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की कार्रवाइयों से निजी अस्पतालों में पारदर्शिता बढ़ेगी और मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। कई ग्रामीणों ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था में लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए।

न्यूज़ देखो: स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही पर अब नहीं चलेगी ढिलाई
गढ़वा प्रशासन की यह कार्रवाई स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम है। यह संदेश है कि मरीजों की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जिम्मेदार स्वास्थ्य सेवाओं की ओर कदम
अब समय है कि सभी निजी अस्पताल और क्लीनिक नियमों का पालन सुनिश्चित करें। जनता को भी सजग रहकर ऐसे मामलों की जानकारी प्रशासन तक पहुंचानी चाहिए। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के प्रयास और मजबूत हों।