
#ठेठईटांगर #पेयजल_समाधान : जामटांड़ गांव में कई दिनों से खराब पड़े चापाकल को पूर्व उप मुखिया दीपक लकड़ा ने तय समय से पहले दुरुस्त करवाकर ग्रामीणों की पानी संकट की समस्या दूर की।
- जामटांड़ गांव में जल मीनार का चापाकल कई दिनों से खराब, 12 परिवार प्रभावित।
- दीपक लकड़ा, पूर्व उप मुखिया व समाजसेवी ने मरम्मत का दो दिन में समाधान देने का वादा किया था।
- वादा निभाते हुए निर्धारित समय से पहले चापाकल की मरम्मत पूरी कराई।
- पानी बहाल होते ही ग्रामीणों में खुशी का माहौल, राहत की सांस।
- स्थानीय लोगों ने दीपक लकड़ा की तत्परता, सामाजिक जिम्मेदारी और पहल की सराहना की।
जामटांड़ गांव के जल मीनार से जुड़े चापाकल के खराब होने के कारण पिछले कई दिनों से यहां के 12 परिवार गंभीर पेयजल संकट से जूझ रहे थे। पानी के अभाव ने लोगों की दैनिक जीवनचर्या को प्रभावित कर दिया था। समस्या की सूचना जैसे ही पूर्व उप मुखिया सह समाजसेवी दीपक लकड़ा तक पहुँची, उन्होंने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए दो दिनों के भीतर मरम्मत कराने का आश्वासन दिया। अपनी प्रतिबद्धता को निभाते हुए दीपक लकड़ा ने समय सीमा से पहले ही चापाकल को ठीक करा दिया, जिससे ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई। मरम्मत के बाद जलापूर्ति शुरू होते ही लोगों ने राहत की सांस ली।
जामटांड़ में जल संकट से राहत की कहानी
जामटांड़ गांव के जल मीनार में लगे चापाकल के अचानक खराब हो जाने से 12 परिवारों को पीने के पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा था। ग्रामीण पानी की बोतलें और बर्तन लेकर दूसरे मोहल्लों की ओर जाने को मजबूर थे। यह समस्या कई दिनों से बनी हुई थी, जिसके कारण गांव में असुविधा लगातार बढ़ रही थी।
समस्या की जानकारी मिलते ही दीपक लकड़ा सक्रिय
जैसे ही ग्रामीणों ने इस स्थिति की जानकारी दीपक लकड़ा को दी, उन्होंने बिना देरी किए मरम्मत कार्य शुरू करने के लिए मैकेनिक की व्यवस्था की। उन्होंने ग्रामीणों से वादा किया था कि दो दिनों के भीतर चापाकल ठीक करा दिया जाएगा।
वादा निभाया, समय से पहले हुआ कार्य पूर्ण
दीपक लकड़ा ने व्यक्तिगत प्रयासों से मरम्मत कार्य की निगरानी की और निर्धारित समय से पहले ही चापाकल को दुरुस्त करा दिया। अब जल मीनार से पानी दोबारा उपलब्ध होने लगा है, जिससे गांव में पेयजल समस्या पूरी तरह समाप्त हो गई है।
दीपक लकड़ा ने कहा: “ग्रामीणों की समस्याएँ मेरी प्राथमिकता हैं। पानी जैसी बुनियादी जरूरत के लिए किसी को परेशान नहीं होना चाहिए। भविष्य में भी ऐसी किसी भी समस्या पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।”
ग्रामीणों ने जताया आभार
चापाकल के ठीक होते ही ग्रामीणों की खुशी देखते बन रही थी। कई लोगों ने बताया कि पिछले दिनों उन्हें पानी के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी। अब गांव में ही साफ पानी उपलब्ध होने से उन्हें बड़ी राहत मिली है। ग्रामीणों ने दीपक लकड़ा के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उनकी तत्परता को सराहा।
कोनपाला पंचायत में जिम्मेदार नेतृत्व का उदाहरण
जामटांड़ के लोग बताते हैं कि दीपक लकड़ा हमेशा सामाजिक मुद्दों पर सक्रिय रहते हैं और गांव की जरूरतों के प्रति सजग हैं। चापाकल मरम्मत जैसी छोटी लेकिन जरूरी पहल ने एक बार फिर इसे साबित किया है।
ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे जनप्रतिनिधि ही गांवों की वास्तविक समस्याओं को समझकर समय पर समाधान करते हैं।
न्यूज़ देखो: बुनियादी सुविधाओं के प्रति संवेदनशीलता का उदाहरण
यह घटना बताती है कि जब स्थानीय नेतृत्व संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ काम करे तो छोटी पहल भी बड़ी राहत बन जाती है। पेयजल जैसी आवश्यक सुविधा में त्वरित कार्रवाई ग्रामीण जीवन को सुगम बनाती है। प्रशासन और समाजसेवियों को ऐसे प्रयासों से प्रेरणा लेनी चाहिए।
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सामूहिक प्रयासों से ही बदलेंगे गांव की तस्वीर
पानी, सड़क, बिजली और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाएँ तभी मजबूत होती हैं जब जनता और जनप्रतिनिधि दोनों सक्रिय होकर अपनी भूमिका निभाते हैं। जामटांड़ का उदाहरण बताता है कि समय पर की गई पहल बड़ी समस्याओं को भी आसान बना सकती है।





