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गुमला समाहरणालय में सौ पेड़ों का संकल्प: पर्यावरण व शिक्षा के संग संवाद

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#गुमला #पौधारोपण_संवाद : ब्रह्माकुमारी संस्थान व क्रिएटिव मंच की साझेदारी में हुआ आयोजन — उपायुक्त ने बच्चों को दिया संतुलन व संवेदना का पाठ
  • गुमला समाहरणालय परिसर में 100 पौधे लगाए गए, बच्चों और अधिकारियों ने लिया पर्यावरण रक्षा का संकल्प
  • ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय और क्रिएटिव यूनिक डिस्कवरी मंच के संयुक्त तत्वावधान में हुआ आयोजन
  • उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने विद्यार्थियों से तकनीक, किताबों और प्रकृति में संतुलन बनाए रखने की अपील की
  • कई विद्यालयों के सैकड़ों छात्र-छात्राएं संवाद सत्र में हुए शामिल, अधिकारियों से पूछे प्रश्न
  • पौधों में पीपल, अर्जुन, आंवला जैसे ऑक्सीजन उत्पादक प्रजातियों को प्राथमिकता दी गई

पर्यावरण से प्रेम और शिक्षा में संतुलन का संदेश

गुमला समाहरणालय परिसर शुक्रवार को एक हरित और संवादात्मक कार्यक्रम का साक्षी बना, जब ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, गुमला और क्रिएटिव यूनिक डिस्कवरी मंच के सहयोग से विशेष पौधारोपण एवं संवाद सत्र का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिले के विभिन्न प्रतिष्ठित विद्यालयों से आए छात्र-छात्राओं ने अधिकारियों के साथ मिलकर 100 पौधों का रोपण किया।

लगाए गए पौधों में पीपल, अर्जुन, डूमर, पाइकर, आंवला, नीम और छतवन जैसे वृक्ष शामिल थे, जो पर्यावरण में ऑक्सीजन के संतुलन और स्थानीय जलवायु सुधार में योगदान देंगे।

विद्यार्थियों ने पूछे सवाल, अधिकारियों ने दिए प्रेरणादायक जवाब

कार्यक्रम का सबसे ऊर्जावान हिस्सा रहा छात्रों और अधिकारियों के बीच संवाद सत्र, जिसमें बच्चों ने खुलकर पर्यावरण, राष्ट्रभक्ति, शिक्षा और जीवन मूल्यों पर सवाल पूछे। अधिकारियों ने सरल, व्यवहारिक और प्रेरणास्पद उत्तर देकर विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं को शांत किया और सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया।

अपर समाहर्ता शासिंद्र बड़ाईक ने कहा: “अपने जीवन में लक्ष्य तय करें और अनुशासन के साथ उस दिशा में काम करें — यही सफलता की कुंजी है।”

उपायुक्त ने दिया जीवन निर्माण का मंत्र

उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने बच्चों को तकनीक और साहित्य में संतुलन बनाए रखने का संदेश देते हुए कहा कि आज के युग में किताबें, कहानियाँ और प्रकृति से जुड़ाव न केवल ज्ञान का स्रोत हैं बल्कि संवेदनशील नागरिक बनने की नींव भी रखते हैं।

प्रेरणा दीक्षित ने कहा: “अपने जीवन में एक किताब को रोज़ का साथी बनाएं, तकनीक का संतुलित उपयोग करें, और हमेशा जिज्ञासु बने रहें — यही आपको बेहतर इंसान बनाएगा।”

उन्होंने विशेष रूप से बालिकाओं से आग्रह किया कि वे समाज में नेतृत्व की भूमिका निभाएं और अपने भीतर की शक्ति को पहचानें।

बच्चों की भागीदारी से खिला समाहरणालय परिसर

कार्यक्रम में कस्तूरबा गांधी विद्यालय, डॉन बॉस्को, उर्सुलाइन कॉन्वेंट, डीएवी, केंद्रीय विद्यालय, मॉडल स्कूल, सेंट अन्ना, सेंट पैट्रिक जैसे संस्थानों के छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में शामिल हुए। हर हाथ में पौधा, हर चेहरे पर मुस्कान और हर मन में संकल्प — इस आयोजन को खास बना गया।

जिला शिक्षा पदाधिकारी कविता खलखो, ब्रह्माकुमारी संस्थान से बीके शांति दीदी, अन्य प्रशासनिक अधिकारी और शिक्षक-शिक्षिकाएं इस अवसर पर उपस्थित रहे।

न्यूज़ देखो: हरियाली के साथ चेतना का नवसृजन

न्यूज़ देखो इस प्रयास की सराहना करता है जहां पर्यावरण रक्षा और जीवन मूल्यों के शिक्षण को एक साथ जोड़ा गया। विद्यार्थियों के साथ संवाद और प्रकृति के प्रति दायित्व का यह संगम न केवल ज्ञानवर्धक था, बल्कि आने वाली पीढ़ी को संवेदनशील नागरिक बनाने की दिशा में एक सशक्त कदम भी।

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जागरूक नागरिक ही बनते हैं प्रकृति और राष्ट्र के सच्चे रक्षक

आप भी अपने मोहल्ले, स्कूल, पंचायत या संगठन में इस तरह का आयोजन करें। हर पौधा एक भविष्य है, और हर सवाल एक समाधान की शुरुआत। यह खबर अपने मित्रों, बच्चों और शिक्षकों के साथ साझा करें और प्रकृति से जुड़े इस संकल्प का हिस्सा बनें।

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