
#गुमला #वीरसपूत_की_वापसी – सेवानिवृत्त बीएसएफ जवान शंकर राम भगत का बेलटोली गांव में हुआ पारंपरिक सम्मान, आदिवासी रीति-रिवाजों के साथ मनाया गया गौरवपूर्ण स्वागत समारोह
- 39 साल से अधिक सेवा के बाद लौटे शंकर राम भगत का गाजे-बाजे से भव्य स्वागत
- गांववासियों ने नाच-गान और पारंपरिक खान-पान से जताई खुशी
- बुजुर्गों और युवाओं ने एक सुर में कहा – गांव के लिए गर्व का क्षण
- सेवा काल में शंकर भगत ने जम्मू-कश्मीर, बंगाल, ओडिशा जैसे राज्यों में निभाई ड्यूटी
- शंकर भगत बोले – गांव का स्नेह मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि
बेलटोली गांव में देशभक्ति और गर्व का मिला अद्भुत दृश्य
गुमला जिले के डुमरी प्रखंड अंतर्गत बेलटोली गांव शनिवार को जश्न के रंग में रंगा हुआ था। गांव के सपूत बीएसएफ से सेवानिवृत्त हुए जवान शंकर राम भगत के घर लौटने पर ग्रामीणों ने जोश-खरोश और पारंपरिक आदिवासी रीति-रिवाजों के साथ उनका स्वागत किया।
गांव के लोगों ने “अपने वीर जवान” को फूल-मालाओं से लादकर, ढोल-नगाड़े बजाते हुए, नाचते-गाते घर तक लाया। ग्रामीणों ने इस मौके को सम्मान और गर्व के त्योहार के रूप में मनाया।
सम्मान समारोह में गांव की सामूहिक भागीदारी
सेवानिवृत्ति के बाद पहली बार गांव लौटे शंकर राम भगत को देख ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बुजुर्ग जगरनाथ भगत ने कहा:
“शंकर राम भगत ने बीएसएफ में रहकर देश की रक्षा की। उनका सकुशल लौटना पूरे गांव के लिए गौरव की बात है। इसीलिए हमने पूरे आदिवासी रीति-रिवाज से उनका स्वागत किया।”
समारोह में पारंपरिक नृत्य, गीत, स्वादिष्ट भोजन और सामूहिक भोज का आयोजन हुआ। गांव की महिलाएं, पुरुष और युवा वर्ग भारी संख्या में उपस्थित रहे।
39 वर्षों की सेवा, कई राज्यों में तैनाती
शंकर राम भगत ने बताया कि उन्होंने बीएसएफ में 39 साल 3 महीने और 27 दिन सेवा दी। इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा जैसे संवेदनशील इलाकों में ड्यूटी निभाई।
“देश सेवा का जज्बा मुझे हमेशा आगे बढ़ाता रहा। आज जब मैं अपने गांव लौटा हूं और इतना प्यार और सम्मान मिला, तो यह मेरे जीवन का सबसे गौरवपूर्ण क्षण है,” – शंकर राम भगत
प्रेरणा बने शंकर भगत, ग्रामीणों ने दी शुभकामनाएं
ग्रामीणों ने कहा कि शंकर राम भगत का जीवन युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है। उन्होंने ईमानदारी, समर्पण और देशभक्ति से जो योगदान दिया है, वह आने वाली पीढ़ियों को सिखाता है कि सेवा का सम्मान सबसे बड़ा सम्मान होता है।
प्रभा देवी, इतवारी देवी, अकलू भगत, कुंजलाल भगत, विजय भगत, सूरज उरांव, दुखनी देवी समेत सैकड़ों ग्रामीणों ने कार्यक्रम में भाग लिया और शंकर राम भगत के दीर्घायु, सुखद एवं स्वस्थ जीवन की कामना की।

न्यूज़ देखो: जहां हर सच्ची कहानी को मिलता है मंच
न्यूज़ देखो ऐसे हर जांबाज़ की कहानी को मंच देता है, जो देश की सेवा के बाद समाज का गौरव बनते हैं। शंकर राम भगत जैसे व्यक्तित्व हमें याद दिलाते हैं कि देशभक्ति सिर्फ वर्दी तक सीमित नहीं, बल्कि समाज में लौटकर प्रेरणा बनने तक जारी रहती है।
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