Garhwa

गढ़वा में धरती आबा और पीएम जनमन योजना की समीक्षा बैठक, 113 गांवों में 96 हजार जनजातीयों के लिए 25 से अधिक योजनाएं लागू होंगी

गढ़वा #जनजातीय_विकास #समीक्षा_बैठक : जनजातीय उत्थान के लिए समर्पित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा — अधिकारियों को दिए गए समयबद्ध लक्ष्य
  • उपायुक्त दिनेश कुमार यादव की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित
  • गढ़वा के 15 प्रखंडों के 113 गांवों में 96,724 ST लोग होंगे लाभांवित
  • धरती आबा अभियान के तहत 17 मंत्रालयों की 25+ योजनाएं होंगी लागू
  • गति शक्ति पोर्टल पर योजनाओं की प्रगति की होगी सतत मॉनिटरिंग
  • प्रत्येक ग्राम में ग्राम सभा कर मूलभूत ज़रूरतों का होगा एनालिसिस
  • हर माह की पहली तिथि को प्रगति बैठक आयोजित करने के निर्देश

जनजातीय उत्थान के लिए दोहरी योजना पर केंद्रित बैठक

गढ़वा समाहरणालय के सभाकक्ष में उपायुक्त दिनेश कुमार यादव की अध्यक्षता में ‘धरती आबा-जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DA-JGUA)’ और ‘प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महा अभियान (PM-Janman)’ की प्रगति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में पूर्व बैठक के एजेंडों के अनुपालन की समीक्षा करते हुए, प्रखंड एवं जिला स्तर के अधिकारियों को योजनाओं के सैचुरेशन मोड में क्रियान्वयन को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए।

15 प्रखंड, 113 गांव, 96 हजार से अधिक ST लाभुक लक्षित

जिला कल्याण पदाधिकारी धीरज प्रकाश ने बताया कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान झारखंड के 24 जिलों में चलाया जा रहा है, जिसके तहत 231 प्रखंडों के 7139 गांवों के लगभग 49.76 लाख जनजातीय लोगों को लक्ष्य में रखा गया है। गढ़वा जिले में 15 प्रखंडों के 113 गांवों में 18,522 जनजातीय परिवारों के 96,724 व्यक्ति चिन्हित किए गए हैं।

गांवों का चयन निम्नलिखित आधारों पर किया गया है:

  • जनसंख्या 500 से अधिक हो तथा उसमें ST आबादी 50% या अधिक
  • एस्पिरेशनल ब्लॉक के गांव जहां ST जनसंख्या 50 से अधिक

17 मंत्रालयों की योजनाएं 2028-29 तक सैचुरेशन मोड में होंगी लागू

पांच वर्षों में 25 से अधिक योजनाओं को पूर्णता की ओर ले जाने का लक्ष्य है। इन योजनाओं में शामिल हैं:

  • प्रधानमंत्री आवास योजना
  • जल जीवन मिशन, विद्युतीकरण, मोबाइल कनेक्टिविटी
  • मोबाइल मेडिकल यूनिट, आयुष्मान भारत योजना
  • उज्ज्वला योजना के तहत LPG कनेक्शन
  • आधार कार्ड निर्माण, आंगनबाड़ी केंद्र निर्माण
  • समग्र शिक्षा अभियान, क्लासरूम और छात्रावास निर्माण
  • स्किल डेवलपमेंट और ट्राइबल मार्केटिंग सेंटर्स
  • वन अधिकार पट्टा धारकों को कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन से जोड़ना

जिला एवं प्रखंड स्तरीय समितियां होंगी जिम्मेदार

बैठक में बताया गया कि जिला स्तरीय समिति गति शक्ति पोर्टल पर योजनाओं के प्रगति की सतत निगरानी करेगी। वहीं, प्रखंड विकास पदाधिकारी, संबंधित अधिकारियों को साथ लेकर प्रत्येक ग्राम में ग्राम सभा आयोजित कर आवश्यकताओं का डेटा एनालिसिस तैयार करेंगे।

उपायुक्त दिनेश कुमार यादव ने कहा: “हर विभाग को प्राप्त प्रस्तावों के अनुसार DPR बनाकर राज्य मुख्यालय को भेजने तथा जिले में लागू योजनाओं की निगरानी ITDA परियोजना निदेशक-सह-उप विकास आयुक्त द्वारा सुनिश्चित करने को कहा गया है।”

भूमि चयन, तकनीकी सहयोग और डेटा एंट्री की प्रक्रिया भी हुई स्पष्ट

प्रखंड अंचल अधिकारी को निर्देश दिया गया कि यदि किसी योजना के तहत बाजार केंद्र, छात्रावास या आंगनबाड़ी केंद्र का प्रस्ताव आता है, तो सरकारी भूमि का चयन कर भूमि प्रतिवेदन प्रस्तुत करें
गति शक्ति पोर्टल पर डाटा एंट्री के लिए डिस्ट्रिक्ट इनफॉर्मेटिक्स ऑफिसर, गढ़वा को नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया गया है, जो तकनीकी सहायता और डेटा एंट्री सुनिश्चित करेंगे।

कल्याण और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की भी समीक्षा

बैठक में कल्याण विभाग द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों की समीक्षा की गई, जिनमें शामिल हैं:

  • प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति
  • साइकिल वितरण योजना
  • सामाजिक सुरक्षा योजना के अंतर्गत कंबल वितरण

सभी योजनाओं का शत-प्रतिशत वितरण सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए गए।
इसके साथ ही राजस्व संग्रहण में भी सक्रियता लाने और उसे बढ़ाने पर ज़ोर दिया गया।

वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हुई बैठक

इस महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में उप विकास आयुक्त पशुपतिनाथ मिश्रा, जिला पंचायत राज पदाधिकारी प्रमेश कुशवाहा, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अल्पना कुमारी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी रामगोपाल पांडे, कार्यपालक अभियंता REO, विद्युत प्रमंडल, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, जिला सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, DPM UID, DPM JSLPS समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

न्यूज़ देखो: जनजातीय सशक्तिकरण की ज़मीन पर उतरती योजनाएं

धरती आबा और पीएम जनमन जैसी योजनाएं केवल कागजों की औपचारिकताएं न रह जाएं, इसके लिए ज़रूरी है कि जिला प्रशासन मजबूत निगरानी, स्पष्ट ज़िम्मेदारी और समयबद्ध कार्यान्वयन सुनिश्चित करे।
गढ़वा में जिस तरह से 113 गांवों में योजनाओं के सैचुरेशन मोड पर क्रियान्वयन की तैयारी हो रही है, वह राज्य के बाकी जिलों के लिए प्रेरणास्रोत बन सकती है
न्यूज़ देखो इन योजनाओं की जमीनी सच्चाई, लाभार्थियों की स्थिति और प्रशासनिक प्रतिबद्धता पर पैनी नजर बनाए रखेगा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

अब ज़िम्मेदारी हमारी भी है

जनजातीय समुदायों की बेहतरी सिर्फ योजनाओं से नहीं, हमारी जागरूकता और भागीदारी से भी सुनिश्चित होगी।
यदि आप गढ़वा के इन गांवों से हैं या इन योजनाओं से जुड़े हैं, तो इस खबर को अपने परिवार और मित्रों के साथ साझा करें।
नीचे कमेंट करके बताएं — आपके गांव में योजनाओं की क्या स्थिति है?
आइए, मिलकर बदलाव की इस प्रक्रिया का हिस्सा बनें।

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