
#रांची #RIMS_फैसला | स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में शासी निकाय की बैठक में बड़ा निर्णय
- रिम्स में तैनात 400 में से 200 होमगार्ड जवानों की सेवा होगी समाप्त
- अब निजी सुरक्षा एजेंसी से लिए जाएंगे गार्ड्स
- होमगार्डों ने फैसले पर जताई कड़ी नाराजगी, बताया अन्यायपूर्ण
- मंत्री की सुरक्षा में तैनात जवानों से दौड़ की दी चुनौती
- आंदोलन की चेतावनी, फैसले को बताया युवाओं के भविष्य से खिलवाड़
रिम्स में शासी निकाय की बैठक में लिया गया अहम फैसला, होमगार्डों को लगा झटका
रांची स्थित रिम्स (राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) में शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी की अध्यक्षता में हुई शासी निकाय की बैठक में एक बड़ा प्रशासनिक निर्णय लिया गया। बैठक में रिम्स में कार्यरत लगभग 400 होमगार्ड जवानों में से 200 जवानों की सेवा समाप्त करने का प्रस्ताव पारित किया गया। अब उनकी जगह निजी सुरक्षा एजेंसियों से गार्ड्स तैनात किए जाएंगे।
इस फैसले के बाद से झारखंड होमगार्ड एसोसिएशन और रिम्स में तैनात जवानों के बीच जबरदस्त रोष देखा गया। जवानों ने इसे अन्यायपूर्ण और अपमानजनक करार दिया है।
होमगार्ड बोले: “हम पूरी तरह सक्षम, मंत्री की सुरक्षा में लगे जवानों से कराई जाए दौड़”
रिम्स के एक होमगार्ड जवान ने मीडिया से कहा:
“हमने सभी शारीरिक मापदंडों को पार कर यहां ड्यूटी प्राप्त की है। यदि कोई हमारी कार्यकुशलता पर शक करता है तो स्वास्थ्य मंत्री की सुरक्षा में तैनात गार्ड्स के साथ हमारी दौड़ करा ली जाए। यदि हम हार जाएं तो स्वयं सेवा छोड़ देंगे।” — एक होमगार्ड जवान
होमगार्डों का कहना है कि प्राइवेट एजेंसियों से आने वाले गार्ड्स न तो प्रशिक्षित होते हैं, और न ही भरोसेमंद। इस फैसले से न केवल जवानों की आजीविका प्रभावित होगी, बल्कि रिम्स जैसी संवेदनशील जगह की सुरक्षा पर भी प्रश्नचिन्ह लगेगा।
स्वास्थ्य मंत्री पर आरोप: युवाओं के भविष्य से खिलवाड़
कुछ होमगार्डों ने यह भी आरोप लगाया कि यह फैसला प्राइवेट एजेंसियों को फायदा पहुंचाने की मंशा से लिया गया है। झारखंड के हजारों बेरोजगार युवा, जो होमगार्ड सेवा के जरिए अपनी जीविका चला रहे हैं, उनके लिए यह भविष्य पर सीधी चोट है।
उन्होंने मंत्री से फैसला वापस लेने की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि जल्द सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया, तो राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा।
न्यूज़ देखो : आवाज़ उठाओ, बदलाव लाओ
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