
रांची, झारखंड: रांची का रिम्स (राजेन्द्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) राज्य का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है, जहां इलाज के लिए आने वाले मरीजों और उनके परिजन अक्सर शिकायत करते हैं। मरीजों की बढ़ती शिकायतों को लेकर जिले के डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने गुरुवार को रिम्स का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अस्पताल के विभिन्न विभागों का जायजा लिया, जिनमें एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक, ट्रॉमा सेंटर, इमरजेंसी, ब्लड बैंक और अन्य वार्ड शामिल थे।
डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने सबसे पहले ट्रॉमा सेंटर का दौरा किया और वहां भर्ती मरीजों से उनके इलाज और देखभाल की जानकारी ली। रिम्स में बेड की कमी और मरीजों को एंबुलेंस में इंतजार करने की शिकायतें आम थीं, जिनका उन्होंने संज्ञान लिया। इस संबंध में डीसी ने ट्रॉमा सेंटर के हेड ऑफ डिपार्टमेंट प्रदीप कुमार भट्टाचार्य से फोन पर बात की और मरीजों को बेड की जानकारी देने के लिए कंट्रोल नंबर का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया।
डीसी ने मरीजों के इलाज और देखभाल में सुधार के लिए कई निर्देश दिए। उन्होंने ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी चिकित्सक डॉक्टर त्राशा को निर्देश दिया कि वे सदर अस्पताल और जमशेदपुर से रेफर किए गए मरीजों को जल्दी एडमिट करें। साथ ही, डीसी ने रिम्स के विभिन्न वार्डों और परिसर में साफ-सफाई की व्यवस्था का जायजा लिया और संबंधित अधिकारियों को हाइजीन में किसी भी तरह की कंप्रोमाइज न करने का निर्देश दिया।
इसके अलावा, डीसी ने रिम्स स्थित ब्लड बैंक का भी निरीक्षण किया और रक्त की उपलब्धता और आपूर्ति व्यवस्था की जानकारी ली। डीसी ने यह भी कहा कि अगले 2-3 दिनों में सभी हेड ऑफ डिपार्टमेंट्स के साथ बैठक की जाएगी, ताकि रिम्स में मरीजों के लिए बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।



इस औचक निरीक्षण से रिम्स में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जाने की उम्मीद जताई जा रही है, जो आने वाले दिनों में मरीजों को बेहतर सेवा प्रदान करने में सहायक साबित होंगे।