- रिम्स प्रबंधन ने एजेंसी ‘सन फैसिलिटी’ को निविदा शर्तों का उल्लंघन करने पर शोकाज़ जारी किया।
- कर्मचारियों के वेतन भुगतान में लापरवाही और SOP का अनुपालन नहीं किया गया।
- धरना प्रदर्शन कर संस्थान की छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया।
शोकाज़ जारी होने का कारण:
रांची स्थित रिम्स (राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) द्वारा वाह्य श्रोतीय व्यवस्था के तहत मानवबल उपलब्ध कराने वाली एजेंसी ‘सन फैसिलिटी’ को निविदा शर्तों और SOP के उल्लंघन पर शोकाज़ जारी किया गया है।
संस्थान द्वारा जारी कार्यादेश में यह स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि:
“एजेंसी को अस्पताल द्वारा मासिक विपत्र के आधार पर भुगतान किया जाएगा। किसी भी परिस्थिति में, एजेंसी को मजदूरों के वेतन का भुगतान जारी रखना होगा।”
लेकिन सन फैसिलिटी ने कर्मचारियों के वेतन का समय पर भुगतान नहीं किया, जो निविदा शर्तों का उल्लंघन है।
अधूरा विपत्र और भुगतान विवाद:
दैनिक खबरों के अनुसार, छह माह से विपत्र का भुगतान लंबित है। हालांकि रिम्स ने अक्टूबर 2024 तक के सभी बिलों का निराकरण कर दिया है। नवंबर 2024 का बिल पिछले सप्ताह प्रस्तुत किया गया, लेकिन दिसंबर 2024 का बिल अभी तक जमा नहीं किया गया है।
धरना प्रदर्शन और प्रबंधन की प्रतिक्रिया:
एजेंसी ने अपनी लापरवाही छुपाने के लिए 13 जनवरी 2025 को रिम्स निदेशक कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन कराया। इस प्रदर्शन का उद्देश्य रिम्स की छवि धूमिल करना था। प्रबंधन ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।
रिम्स का सख्त रुख:
रिम्स प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि निविदा शर्तों और SOP का अनुपालन नहीं करने पर एजेंसी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रबंधन ने कहा कि:
“कर्मचारियों के हित और संस्थान की साख से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। लापरवाही पर सख्त कदम उठाए जाएंगे।”
न्यूज़ देखो से जुड़े रहें:
ऐसी ही सटीक और अद्यतन खबरों के लिए ‘न्यूज़ देखो’ के साथ जुड़े रहें। यहां हर खबर प्रमाणिक और विस्तृत रूप में प्रस्तुत की जाती है।