
#रांची #स्थापनादिवस : रिनपास की ऐतिहासिक यात्रा और उपलब्धियों को किया गया याद
- रिनपास ने पूरे किए 100 वर्ष की सेवा यात्रा।
- स्थापना दिवस पर भव्य कार्यक्रम का हुआ आयोजन।
- मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं में रिनपास के योगदान को सराहा गया।
- झारखंड से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक संस्थान की उपलब्धियां उजागर हुईं।
- अतिथियों और रिनपास परिवार ने मिलकर शताब्दी वर्ष का जश्न मनाया।
रांची स्थित रिनपास (राज्य मानसिक आरोग्य संस्थान) ने अपने सेवा और समर्पण की 100 वर्ष लंबी यात्रा पूरी कर ली। इस अवसर पर मंगलवार को संस्थान परिसर में भव्य स्थापना दिवस समारोह आयोजित किया गया। रिनपास परिवार, छात्र-छात्राओं और आमंत्रित अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को ऐतिहासिक बना दिया।
एक सदी की उपलब्धियों का जश्न
समारोह में वक्ताओं ने कहा कि रिनपास ने न केवल झारखंड, बल्कि पूरे देश में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा दी है। यहां से प्रशिक्षित डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने हजारों मरीज़ों का जीवन बेहतर बनाने में योगदान दिया। संस्थान की यात्रा मानसिक स्वास्थ्य क्षेत्र में समर्पण, सेवा और नवाचार की मिसाल मानी जाती है।
मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता का बड़ा केंद्र
स्थापना दिवस के मौके पर संस्थान की ओर से प्रस्तुत किए गए दस्तावेज़ और रिपोर्ट में बताया गया कि रिनपास ने वर्षों से मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता फैलाने और इलाज को सरल बनाने की दिशा में निरंतर काम किया है। गरीब और वंचित वर्ग के लिए सेवाएं उपलब्ध कराना इस संस्थान की विशेष पहचान रही है।
अतिथियों का अभिनंदन और सांस्कृतिक प्रस्तुति
कार्यक्रम में रिनपास परिवार की ओर से अतिथियों का अभिनंदन किया गया। साथ ही छात्राओं और बहनों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से संस्थान की यात्रा और सामाजिक संदेश को जीवंत रूप से प्रस्तुत किया। उपस्थित लोगों ने संस्थान के इस गौरवशाली इतिहास को सराहते हुए आगे भी मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार की उम्मीद जताई।

न्यूज़ देखो: मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के नए अध्याय की ओर
रिनपास की 100 वर्ष की यह यात्रा साबित करती है कि संस्थागत प्रयास, समर्पण और सतत सेवा से समाज में गहरा बदलाव संभव है। आने वाले समय में यह संस्थान और अधिक लोगों तक मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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जागरूकता और सहयोग से ही संभव है बदलाव
मानसिक स्वास्थ्य आज भी समाज में एक बड़ी चुनौती है। ऐसे में रिनपास जैसी संस्थाओं की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। अब समय है कि हम सब मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूक हों और संस्थानों का सहयोग करें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि संदेश अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे।