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झारखंड में टीकाकरण के बावजूद बीमारी का खतरा: NHM और रिम्स करेंगे सर्वे, रांची से शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट

#रांची #टीकाकरण_सर्वे – टीके के बाद भी मीजल्स और जेई संक्रमण के मामलों ने स्वास्थ्य विभाग को चिंतित किया, 250 वालंटियर बच्चों को लेंगे गोद

टीकाकरण के बाद भी फैल रही बीमारियां, अब होगी जमीनी जांच

झारखंड के कुछ क्षेत्रों में मीजल्स रूबेला और जापानी इंसेफेलाइटिस जैसे गंभीर रोगों का टीकाकरण के बावजूद फैलना स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का विषय बन गया है। इसी को लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के प्रतिरक्षण कोषांग और रिम्स के सामुदायिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा राज्यव्यापी सर्वेक्षण की तैयारी की जा रही है।

सर्वे का मकसद होगा यह पता लगाना कि—

इस अभियान की रूपरेखा गुरुवार को नामकुम स्थित स्वास्थ्य मुख्यालय के वीसी सभागार में आयोजित बैठक में बनाई गई, जिसकी अध्यक्षता NHM के अभियान निदेशक शशि प्रकाश झा ने की।

रांची में पायलट प्रोजेक्ट: नवजात बच्चों को लेंगे वालंटियर गोद

रांची जिले में एक विशेष पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की जा रही है। इस अभियान के तहत—

IIT मुंबई की मदद से मिलेगा तकनीकी प्रशिक्षण

इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए IIT मुंबई द्वारा तैयार हेल्थ स्पोकन ट्यूटोरियल का उपयोग किया जाएगा—

यूनिसेफ, WHO, UNDP समेत कई संस्थाएं भी होंगी शामिल

इस ओरिएंटेशन बैठक में कई संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे:

न्यूज़ देखो: टीकाकरण के बाद भी क्यों बढ़ रहे मामले?

न्यूज़ देखो मानता है कि स्वास्थ्य योजनाओं की असली सफलता तभी है जब ज़मीनी स्तर पर हर बच्चा सुरक्षित हो। टीकाकरण के बावजूद बीमारी फैलना न सिर्फ प्रशासनिक चुनौती है, बल्कि भविष्य की रणनीति के लिए एक चेतावनी भी है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

बच्चों का स्वास्थ्य सिर्फ आंकड़ों से नहीं, ज़िम्मेदारी से सुधरेगा

सरकार, डॉक्टर, वालंटियर और समाज – सभी को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि हर बच्चा न केवल टीका पाए, बल्कि उसका स्वास्थ्य भी सशक्त बने। यही सुरक्षित झारखंड की दिशा है।

Tags: टीकाकरणसर्वेक्षण, शिशुस्वास्थ्य

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