
#पटना #राजनीतिक_रणनीति : महागठबंधन में सीट बंटवारे पर सस्पेंस के बीच राजद ने अपने 35 उम्मीदवारों की सूची जारी कर सियासी तापमान बढ़ा दिया है।
- राजद ने तेजस्वी यादव समेत 35 उम्मीदवारों को नामांकन की अनुमति दी।
- तेजस्वी यादव राघोपुर से हैट्रिक के लिए मैदान में उतरेंगे।
- कांग्रेस से बातचीत बुधवार तक तय होने की संभावना।
- पहले चरण के नामांकन की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर तय।
- लिस्ट में चार महिला प्रत्याशी और कई पूर्व विधायक शामिल।
- एनडीए और महागठबंधन दोनों खेमों में उम्मीदवारों की घोषणाओं से चुनावी सरगर्मी तेज।
राजनीतिक हलकों में मंगलवार को उस वक्त हलचल मच गई जब राजद ने बिना औपचारिक सीट बंटवारे का इंतजार किए अपने 35 उम्मीदवारों को नामांकन की अनुमति दे दी। पार्टी के प्रमुख नेता तेजस्वी यादव ने राघोपुर से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है और 15 अक्टूबर को वे नामांकन करेंगे। यह कदम बिहार की राजनीति में राजद की रणनीतिक बढ़त के रूप में देखा जा रहा है।
राजद का मास्टरस्ट्रोक और तेजस्वी का भरोसा
तेजस्वी यादव ने इस बार अपनी सीट राघोपुर से हैट्रिक बनाने का संकल्प लिया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, यह फैसला राजद की आंतरिक मजबूती दिखाने के लिए लिया गया है ताकि सहयोगी दलों को संदेश जाए कि राजद अपने संगठनात्मक ढांचे पर आत्मविश्वास रखता है। पार्टी के प्रवक्ता ने बताया कि जिन 35 नामों पर मुहर लगी है, वे ज्यादातर वे सीटें हैं जहां पहले से राजद मजबूत स्थिति में है।
तेजस्वी यादव ने कहा: “हम जनता के बीच भरोसे के साथ उतर रहे हैं। यह चुनाव बिहार के भविष्य का चुनाव है, और हमारी प्राथमिकता विकास और न्याय की होगी।”
सहयोगी दलों के साथ बातचीत जारी
हालांकि महागठबंधन में सीट बंटवारे की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन अंदरखाने की जानकारी के मुताबिक बुधवार तक कांग्रेस से भी बात बन जाएगी। दो चरणों में हो रहे विधानसभा चुनावों के पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया 17 अक्टूबर तक चलनी है। राजद ने संकेत दिया है कि पहले चरण के बाकी उम्मीदवारों की सूची बुधवार को जारी की जाएगी।
राजद ने अपनी लिस्ट में चार महिलाओं को टिकट दिया है — हसनपुर से माला पुष्पम, बनियापुर से चांदनी सिंह, मसौढ़ी से रेखा पासवान, और महिषी से गौतम कृष्णा।
टिकट पाने वालों की सूची में चर्चित नाम
सूत्रों के मुताबिक, राजद की इस लिस्ट में कई पुराने और नए चेहरे शामिल हैं। जदयू छोड़कर आए डॉ. संजीव को परबत्ता से प्रत्याशी बनाया गया है। बोगो सिंह, जिन्होंने हाल ही में राजद ज्वॉइन किया था, उन्हें भी टिकट मिला है। तेजप्रताप यादव के करीबी रहे मुकेश रौशन को महुआ से मौका दिया गया है।
हिलसा से शक्ति सिंह यादव, जो पिछली बार मात्र 12 वोटों से हार गए थे, इस बार फिर मैदान में हैं। वहीं, सिवान के रघुनाथपुर से ओसामा शहाब (बाहुबली शहाबुद्दीन के पुत्र) पहली बार चुनावी राजनीति में उतरेंगे।
अन्य प्रमुख उम्मीदवार
राजद की सूची में गायघाट से निरंजन राय, शेखपुरा से विजय सम्राट चौधरी, गड़खा से सुरेंद्र राम, इस्लामपुर से राकेश रौशन, फतुहा से रामानंद यादव, कांटी से इसराइल मंसूरी, और मनेर से भाई वीरेंद्र शामिल हैं।
दरभंगा से ललित यादव, हाजीपुर से देव कुमार चौरसिया, शाहपुर से राहुल तिवारी, और संदेश से दीपू राणावत यादव को भी टिकट मिला है। यह लिस्ट जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों के संतुलन के लिहाज से भी अहम मानी जा रही है।
एनडीए में भी हलचल
राजद की घोषणा के तुरंत बाद एनडीए खेमे में भी हलचल तेज हो गई। भाजपा ने मंगलवार को अपने 71 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की, जबकि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) ने 6 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की। जदयू और लोजपा (रामविलास) भी जल्द अपनी लिस्ट जारी करने की तैयारी में हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राजद ने समय से पहले उम्मीदवारों का एलान कर यह संदेश दिया है कि वह चुनावी मैदान में पूरी तरह तैयार है, जबकि बाकी सहयोगी दल अब भी बातचीत की प्रक्रिया में हैं।
न्यूज़ देखो: महागठबंधन में अंदरूनी रणनीति का संकेत
राजद की यह चाल दिखाती है कि पार्टी महागठबंधन के भीतर अपने नेतृत्व की स्थिति मजबूत करना चाहती है। तेजस्वी यादव का अग्रिम कदम न केवल विपक्षी खेमे को गति देता है, बल्कि एनडीए को भी अपनी रणनीति स्पष्ट करने पर मजबूर करता है। अब देखने वाली बात होगी कि कांग्रेस और माले अपनी हिस्सेदारी को लेकर कितना समझौता करते हैं।
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