- रमकंडा के तेतरडीह जंगलों में टाइगर के फुटमार्क की पुष्टि।
- होमिया गांव में बाघ ने दो बछड़ों को बनाया शिकार।
- पीटीआर और गढ़वा वन विभाग ने 10 ट्रैपिंग कैमरे लगाए।
- कैमरों में अब तक बाघ की गतिविधियां कैद नहीं हुईं।
- गांवों के नजदीक मवेशियों पर हमले से ग्रामीण दहशत में।
रमकंडा में टाइगर का आतंक
गढ़वा जिले के रमकंडा क्षेत्र में टाइगर की मौजूदगी ने ग्रामीणों में डर का माहौल बना दिया है। होमिया गांव में सोमवार को बाघ ने दो बछड़ों को अपना शिकार बनाया। इसके पहले, बाघ ने भंडरिया के रोदो और बैदेशी क्षेत्र में मवेशियों पर हमला किया था। ग्रामीणों ने टाइगर को जंगल में शिकार करते देखा, जिससे इलाके में खौफ और बढ़ गया।
वन विभाग का अभियान
भंडरिया वन क्षेत्र के अधिकारियों ने तेतरडीह जंगल में बाघ के फुटमार्क की पुष्टि की है। वनपाल कमलेश कुमार ने बताया कि फुटमार्क बैदेशी की ओर जाते समय का है। हालांकि, लौटने के कोई फुटमार्क नहीं मिले हैं।
पीटीआर (पलामू टाइगर रिजर्व) और गढ़वा वन विभाग ने बाघ की गतिविधियों को ट्रैक करने के लिए 10 ट्रैपिंग कैमरे लगाए हैं। बावजूद इसके, कैमरे में बाघ की तस्वीर नहीं आ सकी है।
ग्रामीणों की दहशत
होमिया गांव निवासी सुरेंद्र कोरवा ने बताया कि सोमवार को धूप निकलने के बाद मवेशियों को जंगल में चरने के लिए छोड़ा गया था। तभी बाघ ने अचानक हमला कर बछड़ों को मार डाला। इससे पहले, शुक्रवार को बैदेशी के जंगलों में और गुरुवार की रात रोदो क्षेत्र में बाघ ने मवेशियों पर हमला किया था।
“बाघ को देख जंगल के मवेशी डर के मारे भागने लगे। ग्रामीणों ने देखा कि बाघ बछड़ों को खा रहा था।” – सुरेंद्र कोरवा
वन विभाग की रणनीति
पीटीआर और गढ़वा वन विभाग की टीमें बाघ को ट्रैक करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। कुटकु रेंज में 10 ट्रैपिंग कैमरे लगाए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि बाघ फिलहाल रमकंडा और भंडरिया की सीमा पर सक्रिय है और मवेशियों को निशाना बना रहा है।
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