
#दुमका #सड़कहादसा : गुमामोड़ के पास ट्रक की चपेट में आए तीन बाइक सवार युवक घायल – बीजीआर कंपनी की टीम ने पहुंचाया अस्पताल
- गुमामोड़ के पास ट्रक की चपेट में आने से तीन बाइक सवार युवक गंभीर रूप से घायल हुए।
- हादसे में एक युवक की नाक टूट गई, जबकि दो अन्य को भी गंभीर चोटें आईं।
- बीजीआर कंपनी की सड़क सुरक्षा टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
- रघुनाथपुर-बारमसिया पथ पर धान का अवशेष फैलाने से दुर्घटनाओं का खतरा लगातार बढ़ा।
- सीओ शिकारीपाड़ा ने स्टोन चिप्स लदे वाहनों की जांच की और चालकों को चेतावनी दी।
दुमका जिले में शनिवार को एक बड़ा सड़क हादसा हुआ जब गुमामोड़ के पास तेज गति से आ रहे एक ट्रक ने बाइक सवार तीन युवकों को टक्कर मार दी। हादसे में एक युवक की नाक टूट गई जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों ने तत्काल बीजीआर कंपनी की सड़क सुरक्षा टीम को सूचना दी, जिन्होंने मौके पर पहुंचकर घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया।
घायलों की स्थिति स्थिर बताई जा रही है। स्थानीय पुलिस को भी घटना की जानकारी दी गई है और जांच शुरू कर दी गई है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ट्रक चालक ने तेज गति में बाइक को टक्कर मारी और मौके से फरार हो गया।
रघुनाथपुर-बारमसिया मार्ग पर बढ़ा खतरा
घटना के बाद आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि रघुनाथपुर-बारमसिया सड़क पर आए दिन हादसे होते हैं। इस सड़क पर धान का अवशेष फैलाया गया है, जिससे सड़क फिसलन भरी हो गई है और दोपहिया वाहन चालक आए दिन गिरकर घायल हो जाते हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल सड़क की सफाई कराने और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाया गया, तो किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है।
ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार इसकी शिकायत की जा चुकी है, लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। सड़क पर जगह-जगह फिसलन के कारण लोगों का आवागमन बेहद मुश्किल हो गया है।
बीजीआर कंपनी की टीम बनी राहत का सहारा
हादसे के तुरंत बाद बीजीआर कंपनी की सड़क सुरक्षा टीम मौके पर पहुंची। टीम ने स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को उठाकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। वहां से गंभीर घायलों को बेहतर इलाज के लिए दुमका सदर अस्पताल भेजा गया। कंपनी की टीम ने बताया कि क्षेत्र में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए लगातार निगरानी की जा रही है और सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।
प्रशासन ने शुरू की जांच
उधर, शिकारीपाड़ा के अंचल अधिकारी (सीओ) ने हादसे के बाद क्षेत्र में स्टोन चिप्स लदे वाहनों की जांच की। उन्होंने चालकों को स्पष्ट चेतावनी दी कि ओवरलोडिंग और नियम उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सीओ ने कहा कि विभाग के अधिकारी लगातार निगरानी में रहेंगे और किसी भी स्थिति में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
नगर थाना प्रभारी ज्ञान रंजन ने कहा: “पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची थी और अब आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। आरोपियों की पहचान कर उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।”
ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति आक्रोश
घटना के बाद ग्रामीणों में गुस्सा देखा गया। उन्होंने कहा कि प्रशासन की उदासीनता के कारण यह क्षेत्र दुर्घटनाओं का हॉटस्पॉट बन गया है। अगर समय रहते ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाता और सड़क की देखरेख ठीक से होती, तो इस तरह के हादसे नहीं होते। कई ग्रामीणों ने यह भी कहा कि इलाके में रात के समय अंधेरा रहता है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना और बढ़ जाती है।

न्यूज़ देखो: सड़क सुरक्षा पर सवाल और प्रशासनिक जिम्मेदारी
दुमका में हुए इस हादसे ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि सड़क सुरक्षा केवल नियम नहीं, बल्कि हर नागरिक की जीवन रक्षा से जुड़ी ज़रूरत है। प्रशासन को सड़कों की खराब स्थिति, लापरवाह ड्राइविंग और ओवरलोडिंग जैसे मामलों पर कठोर कदम उठाने होंगे। यदि निगरानी और जवाबदेही बढ़ेगी, तभी ऐसे हादसे कम होंगे।
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सड़क सुरक्षा में जिम्मेदारी निभाएं, जीवन बचाएं
हादसे सिर्फ सुर्खियाँ नहीं, किसी परिवार की ज़िंदगी बदल देते हैं। सड़क पर सावधानी ही सुरक्षा है। प्रशासन, वाहन चालक और आम नागरिक — सभी को अपनी भूमिका निभानी होगी ताकि भविष्य में कोई भी परिवार इस दर्द से न गुज़रे। सजग रहें, नियमों का पालन करें और दूसरों को भी जागरूक करें।
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