
#सिमडेगा #विकासबैठक : अनाबद्ध निधि योजनाओं की समीक्षा बैठक में डीसी ने दी स्पष्ट हिदायत—सुविधाओं से वंचित गांवों को मिले त्वरित राहत
- उपायुक्त कंचन सिंह की अध्यक्षता में जिला योजना कार्यकारिणी समिति की बैठक संपन्न हुई।
- अनाबद्ध निधि 2025-26 के अंतर्गत प्रस्तावों और पूर्व स्वीकृत योजनाओं की समीक्षा हुई।
- खाट पर मरीजों को ले जाने की घटनाओं पर डीसी ने सड़क और पुल निर्माण को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया।
- खराब चापाकलों की मरम्मत को पेयजल सुविधा विहीन गांवों में तुरंत सुनिश्चित करने के आदेश।
- भूमि विवादों के त्वरित निपटारे हेतु अनुमंडल पदाधिकारी और अंचलाधिकारी को निर्देश दिए गए।
सिमडेगा में गुरुवार को उपायुक्त कंचन सिंह की अध्यक्षता में जिला योजना कार्यकारिणी समिति की अहम बैठक हुई, जिसमें अनाबद्ध निधि अंतर्गत चल रही योजनाओं की प्रगति और आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तावों की स्वीकृति पर चर्चा की गई। बैठक का मुख्य फोकस उन गंभीर समस्याओं पर रहा, जिनमें मरीजों को खाट पर लादकर अस्पताल ले जाने की घटनाएं सामने आई हैं। इस स्थिति को देखते हुए डीसी ने स्पष्ट कहा कि सुविधाओं से वंचित गांवों को प्राथमिकता देकर सड़क और पुल-पुलिया निर्माण पर तत्काल कार्य शुरू किया जाए।
बैठक के मुख्य निर्देश
बैठक के दौरान उपायुक्त ने सभी विभागों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि जिन गांवों में सड़क और पुल की जरूरत है, वहां त्वरित कार्रवाई की जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि जिन स्थानों पर बड़ी पुलिया जरूरी है, वहां की सूची तैयार कर प्रस्ताव विभाग को भेजें।
उपायुक्त कंचन सिंह ने कहा: “हमारा लक्ष्य यह है कि किसी भी मरीज को अस्पताल तक पहुंचने में दिक्कत न हो। सड़क और पुल निर्माण योजनाएं समयबद्ध रूप से पूरी हों।”
उपायुक्त ने वर्ष 2023-24 और 2024-25 की स्वीकृत योजनाओं की भी प्रगति की समीक्षा की और निर्देश दिया कि पूर्ण हो चुकी योजनाओं की स्थलीय जांच प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा कराई जाए। साथ ही लंबित भुगतान से जुड़ी समस्याओं का त्वरित निपटारा सुनिश्चित करने को कहा।
पेयजल और स्वच्छता पर सख्त रुख
बैठक में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा खराब चापाकलों की मरम्मत पर भी चर्चा हुई। डीसी ने कहा कि जहां अन्य पेयजल सुविधा नहीं है, वहां मरम्मत को प्राथमिकता दी जाए। साथ ही नए प्रस्तावों को अनुमोदन से पहले उनकी स्थलीय जांच करने का निर्देश दिया, ताकि एक ही स्थान पर योजनाओं का दोहराव न हो।
कंचन सिंह ने जोर देकर कहा: “पानी जीवन की सबसे बड़ी जरूरत है। ऐसे गांव जहां पेयजल सुविधा उपलब्ध नहीं है, वहां एक-एक चापाकल को ठीक करना प्रशासन की जिम्मेदारी है।”
भूमि विवाद समाधान पर जोर
बैठक में उप विकास आयुक्त दीपांकर चौधरी ने कहा कि योजनाओं के कार्यान्वयन में भूमि विवाद सबसे बड़ी बाधा है। उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी और अंचलाधिकारी को पत्राचार कर ऐसे विवादों का समयबद्ध निराकरण करने का आदेश दिया।
उप विकास आयुक्त दीपांकर चौधरी ने कहा: “भूमि विवादों का त्वरित समाधान ही विकास योजनाओं की गति बढ़ा सकता है।”

न्यूज़ देखो: विकास के नए संकल्प की दिशा
यह बैठक प्रशासन की गंभीरता और प्राथमिकताओं को रेखांकित करती है। सड़क, पुल और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव न केवल विकास में बाधा है बल्कि मानवीय संकट का कारण भी बनता है। उपायुक्त के निर्देश इन कमियों को दूर करने की एक ठोस पहल हैं।
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