
#गढ़वा #शस्त्रपूजन : टाटीदिरी गाँव में RSS कार्यकर्ताओं ने शस्त्र पूजन और संगोष्ठी के माध्यम से राष्ट्र रक्षा और सामाजिक समरसता का संकल्प लिया
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने धुरकी खंड के टाटीदिरी गाँव में आयोजित किया भव्य शस्त्र पूजन।
- कार्यक्रम में स्थानीय कार्यकर्ता और गणमान्य नागरिकों की रही बड़ी संख्या में उपस्थिति।
- तलवार और अन्य शस्त्रों पर रक्षा सूत्र बाँधकर लिया राष्ट्र रक्षा का संकल्प।
- ज़िला प्रचारक बासुकीनाथ जी ने दी संघ की 100 वर्ष की यात्रा और योगदान पर विस्तृत जानकारी।
- सभा में कार्यकर्ताओं ने सामाजिक समरसता और संस्कृतिक मूल्यों को बढ़ाने का लिया संकल्प।
धुरकी प्रखंड के टाटीदिरी गाँव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) द्वारा आयोजित शस्त्र पूजन और संगोष्ठी का आयोजन पूरे उत्साह और अनुशासन के साथ सम्पन्न हुआ। इस भव्य आयोजन में बड़ी संख्या में स्वयंसेवक, स्थानीय कार्यकर्ता और गणमान्य लोग शामिल हुए। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण शस्त्र पूजन रहा, जिसमें राष्ट्र और समाज की रक्षा का संकल्प सामूहिक रूप से लिया गया।
शौर्य और राष्ट्र रक्षा का प्रतीक शस्त्र पूजन
शस्त्र पूजन की पारंपरिक विधि के तहत स्वयंसेवकों ने तलवार और अन्य शस्त्रों को पवित्र आसन पर सजाकर उनका पूजन किया। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने श्रद्धापूर्वक प्रत्येक शस्त्र पर रक्षा सूत्र (कलावा) बाँधा और राष्ट्र की रक्षा तथा समाज सेवा का संकल्प दोहराया। यह आयोजन वीरता और राष्ट्र समर्पण की भावना को प्रकट करता है।
ज़िला प्रचारक का मार्गदर्शन
शस्त्र पूजन के उपरांत आयोजित प्रबुद्ध जनों की संगोष्ठी में संघ के ज़िला प्रचारक श्री बासुकीनाथ जी ने अपने उद्बोधन से कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया। उन्होंने शस्त्र पूजन की परंपरा को केवल धार्मिक आस्था का हिस्सा नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण की भावना से जुड़ा बताया।
ज़िला प्रचारक श्री बासुकीनाथ जी ने कहा: “संघ की 100 वर्ष की यात्रा केवल संगठन की नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की यात्रा है। हमें सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक मूल्यों को आगे बढ़ाकर देश की एकता और अखंडता को सुदृढ़ करना है।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि संघ के कार्यकर्ता समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए सतत रूप से कार्यरत हैं और यह आयोजन उसी दिशा में एक मजबूत कदम है।
सांस्कृतिक मूल्यों और समरसता का संकल्प
सभा में माँ दुर्गा और अन्य महापुरुषों के चित्रों के सम्मुख स्वयंसेवकों ने सांस्कृतिक मूल्यों को आगे बढ़ाने और सामाजिक समरसता को मजबूत करने का संकल्प लिया। यह आयोजन न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का प्रतीक रहा बल्कि धुरकी क्षेत्र में संघ की वैचारिक गतिविधियों को भी नई ऊर्जा प्रदान करने वाला साबित हुआ।

न्यूज़ देखो: समाज और राष्ट्र के लिए अनुशासन का संदेश
यह आयोजन दिखाता है कि संगठन, अनुशासन और सांस्कृतिक परंपराएँ समाज में नई ऊर्जा भर सकती हैं। शस्त्र पूजन केवल धार्मिक क्रिया नहीं बल्कि राष्ट्र और समाज की रक्षा का संकल्प है। संघ का यह प्रयास स्थानीय स्तर पर सामाजिक एकता और वैचारिक मजबूती को बढ़ाने की दिशा में सार्थक पहल साबित हुआ है।
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संगठन और समाज का सामूहिक दायित्व
टाटीदिरी में आयोजित शस्त्र पूजन और संगोष्ठी ने यह संदेश दिया है कि समाज और राष्ट्र की प्रगति के लिए संगठित प्रयास और अनुशासन आवश्यक है। हर नागरिक का दायित्व है कि वह राष्ट्र रक्षा, सांस्कृतिक मूल्यों और सामाजिक समरसता को मजबूत बनाने में अपनी भूमिका निभाए। अब समय है कि हम सब इस सामूहिक जिम्मेदारी को समझें और अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहें। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ साझा करें ताकि यह प्रेरक संदेश और अधिक लोगों तक पहुँचे।