
#पलामू #शैक्षिक_पारदर्शिता : आरटीआई कार्यकर्ता मोहम्मद सफी ने कहा – सूचना का अधिकार इस्तेमाल कर रहे हैं, किसी की छवि धूमिल करना उद्देश्य नहीं
- आरटीआई कार्यकर्ता मोहम्मद सफी ने पीएम श्री स्तरोन्नत उच्च विद्यालय करकटा प्रबंधन के आरोपों का खंडन किया।
- उनका उद्देश्य केवल पारदर्शिता सुनिश्चित करना और जानकारी प्राप्त करना था।
- सफी ने कहा कि यदि विद्यालय प्रशासन को जानकारी देने में आपत्ति नहीं है, तो सवाल उठाने पर विवाद क्यों।
- उन्होंने कहा कि प्रबंधन मुद्दे से भटकाकर उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास कर रहा है।
- सफी ने चेतावनी दी कि यदि सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई तो राज्य सूचना आयोग में अपील करेंगे।
पलामू में आरटीआई कार्यकर्ता मोहम्मद सफी ने पीएम श्री स्तरोन्नत उच्च विद्यालय करकटा के प्रबंधन द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों का खंडन किया है। सफी ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी की छवि धूमिल करना नहीं है, बल्कि विद्यालय के प्रशासनिक और वित्तीय मामलों में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि आरटीआई कानून हर नागरिक को सूचना पाने का अधिकार देता है और उसी के तहत उन्होंने आवेदन किया।
विवाद का कारण और सफी का पक्ष
सफी ने आरोप लगाया कि प्रबंधन बार-बार सवालों पर विवाद खड़ा कर उन्हें बदनाम करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि यदि विद्यालय प्रशासन का प्रशासनिक और वित्तीय कामकाज सही है, तो सूचना उपलब्ध कराने में हिचक क्यों? इसके माध्यम से साफ़ है कि उनका उद्देश्य केवल लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।
मोहम्मद सफी ने कहा: “सवाल पूछना और जवाब मांगना लोकतांत्रिक व्यवस्था का हिस्सा है। यदि सबकुछ सही है तो सूचना उपलब्ध कराने में कोई हिचक क्यों?”
सफी ने यह भी कहा कि कई महत्वपूर्ण सवाल अब तक स्पष्ट रूप से उत्तरित नहीं किए गए हैं और यदि जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई, तो वे राज्य सूचना आयोग में अपील करेंगे। उनका कहना है कि आरटीआई का उद्देश्य भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अनियमितताओं को उजागर करना है, न कि किसी की छवि पर आंच लाना।
शैक्षिक पारदर्शिता का महत्व
आरटीआई के माध्यम से स्कूल प्रशासन की गतिविधियों पर निगरानी और जवाबदेही बढ़ती है। स्थानीय समुदाय और अभिभावकों के लिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि विद्यालय का संसाधन और प्रशासनिक कामकाज सही दिशा में हो।
न्यूज़ देखो: सूचना का अधिकार और पारदर्शिता की आवश्यकता
यह मामला दिखाता है कि आरटीआई के माध्यम से नागरिक न केवल सूचना प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि शैक्षिक संस्थानों में जवाबदेही और पारदर्शिता भी सुनिश्चित कर सकते हैं। आरोपों और विवादों के बावजूद कार्यकर्ता का फोकस स्पष्ट है – केवल सच सामने लाना और प्रशासन को जवाबदेह बनाना।
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सक्रिय नागरिक और पारदर्शिता में योगदान
पारदर्शिता और जवाबदेही हमारे लोकतंत्र की आधारशिला हैं। अपने अधिकारों के प्रति सजग रहें और सूचना प्राप्त करने के लिए सक्रिय बनें। इस खबर को साझा करें, अपने विचार कमेंट में दें और स्थानीय संस्थानों में सही प्रशासन और पारदर्शिता के लिए जागरूकता फैलाएँ।





