
#गिरिडीह #सड़क_संकट : शहर के मुख्य मार्ग की खराब हालत पर सरकार से तुरंत पुनर्निर्माण की मांग — रोजाना हो रही दुर्घटनाएं, जनता बेहाल
- गांधी चौक से ICR रोड तक का मार्ग बेहद जर्जर हालत में।
- सुनील खंडेलवाल ने सरकार को पत्र भेजकर किया अनुरोध।
- श्याम मंदिर, ट्रांसपोर्ट व डॉक्टर क्लीनिक जैसी सुविधाएं इसी मार्ग पर।
- हजारों की संख्या में प्रतिदिन आवागमन, फिर भी सड़क की हालत दयनीय।
- पत्र को झारखंड सरकार के संयुक्त सचिव के पास भेजा गया कार्रवाई हेतु।
गिरिडीह शहर के मुख्य मार्ग की बदहाली बनी खतरे की घंटी
गिरिडीह शहरी क्षेत्र के गांधी चौक स्थित कालीमंडा-ICR रोड-श्याम मंदिर पथ की हालत दिनोंदिन बद से बदतर होती जा रही है। जगह-जगह गहरे गड्ढे, उखड़ा हुआ डामर और धूल के गुबार ने आम जनता की दैनिक आवाजाही को जोखिमभरा बना दिया है। इसी गंभीर विषय को लेकर प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता एवं सूचना का अधिकार (RTI) एक्टिविस्ट सुनील खंडेलवाल ने झारखंड सरकार को एक पत्र भेजकर सड़क के त्वरित पुनर्निर्माण की मांग की है।
रोजाना हो रही दुर्घटनाएं, जनता को हो रही भारी परेशानी
खंडेलवाल ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि इस मार्ग की जर्जर स्थिति के कारण प्रतिदिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने लिखा है कि यह मार्ग बेहद व्यस्ततम है, जहां से गुजरने वालों में छात्र, मरीज, बुजुर्ग, दुकानदार व आम जनता शामिल हैं। खासतौर पर श्याम मंदिर, ट्रांसपोर्ट सेंटर और डॉक्टर्स के क्लीनिक इस मार्ग पर स्थित होने के कारण यहां दिन-रात हजारों लोगों का आवागमन बना रहता है।
सुनील खंडेलवाल ने कहा: “इस मार्ग की हालत अब जानलेवा हो चुकी है। सरकार को जनता की इस तकलीफ को गंभीरता से लेते हुए जल्द से जल्द सड़क का नवीनीकरण कराना चाहिए।”
सरकार तक पहुंची गुहार, अब कार्रवाई की उम्मीद
खंडेलवाल द्वारा भेजे गए पत्र को आसिफ हसन, संयुक्त सचिव, कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग, झारखंड सरकार को आवश्यक कार्रवाई हेतु अग्रसारित कर दिया गया है। खंडेलवाल को उम्मीद है कि सरकार इस जनहित के मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए जल्द ही संज्ञान लेगी और गिरिडीह की इस मुख्य सड़क का पुनर्निर्माण कार्य शीघ्र शुरू होगा।
सामाजिक चेतना से उठ रही नागरिक जिम्मेदारी की आवाज
इस पूरे प्रयास में सबसे प्रेरणादायक बात यह है कि एक नागरिक की जागरूकता और प्रतिबद्धता के बल पर शहर की एक बड़ी समस्या सरकार तक पहुंच सकी है। यह मिसाल दर्शाती है कि जब आमजन अधिकारों के प्रति सजग होते हैं, तब बदलाव की शुरुआत होती है।
न्यूज़ देखो: नागरिक चेतना से जन्म लेता है विकास का मार्ग
गिरिडीह की सड़क की बदहाली पर सुनील खंडेलवाल की सक्रियता एक उदाहरण है कि हर नागरिक अगर आवाज उठाए, तो व्यवस्था को जवाब देना ही पड़ता है। न्यूज़ देखो इस तरह की सजग नागरिकता को सलाम करता है, जो विकास की मांग को सिर्फ शिकायत तक सीमित नहीं रखते, बल्कि व्यवस्था से संवाद भी करते हैं। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
आवाज़ उठाएं, व्यवस्था बदलेगी
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