
#टंडवा #रोजगार_समझौता : लंबी बातचीत के बाद प्रबंधन और ग्रामीण प्रतिनिधियों में लिखित सहमति, कामकाज हुआ सामान्य।
- आम्रपाली कोल परियोजना में प्रस्तावित ग्रामीण बंदी टली।
- लगभग 2 घंटे 7 मिनट चली सघन त्रिपक्षीय वार्ता के बाद बनी सहमति।
- एनसीसी कंपनी में 260 नए बेरोजगार युवकों की बहाली पर सहमति।
- लक्ष्मी कंपनी के 140 पुराने मजदूरों को भी मिला काम।
- कुल 400 मजदूरों को तत्काल रोजगार देने का निर्णय।
- समझौते के बाद ग्रामीणों ने आंदोलन वापस लिया।
चतरा जिले के टंडवा प्रखंड स्थित आम्रपाली कोल परियोजना में स्थानीय ग्रामीणों द्वारा प्रस्तावित आंदोलन सोमवार को टल गया। प्रबंधन, प्रशासनिक प्रतिनिधियों और प्रभावित गांवों के ग्रामीणों के बीच लगभग दो घंटे सात मिनट तक चली सघन त्रिपक्षीय वार्ता के बाद रोजगार को लेकर लिखित सहमति बनी, जिसके पश्चात ग्रामीणों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया। इस सहमति से परियोजना क्षेत्र में पुनः सामान्य रूप से कामकाज शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है।
यह आंदोलन मुख्य रूप से स्थानीय बेरोजगार युवकों और पूर्व से कार्यरत मजदूरों को रोजगार दिए जाने की मांग को लेकर प्रस्तावित था। लंबे समय से चली आ रही असहमति के कारण परियोजना में बंदी की आशंका बन गई थी, लेकिन वार्ता के सफल होने से टकराव की स्थिति टल गई।
त्रिपक्षीय वार्ता के बाद बनी सहमति
सोमवार को आयोजित त्रिपक्षीय वार्ता में आम्रपाली कोल परियोजना प्रबंधन, ठेका कंपनियों और पांच गांवों के भू-दाताओं व ग्रामीण प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में रोजगार, कार्य की निरंतरता और स्थानीय हितों से जुड़े बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा हुई।
वार्ता के दौरान सभी पक्षों ने आपसी सहमति से समाधान निकालने पर जोर दिया, जिसके परिणामस्वरूप लिखित समझौता तैयार किया गया। समझौते के बाद ग्रामीणों ने प्रस्तावित आंदोलन को वापस लेने की घोषणा की।
400 मजदूरों को तत्काल रोजगार
सहमति के प्रमुख बिंदुओं में रोजगार को लेकर बड़ा फैसला लिया गया। तय किया गया कि एनसीसी (NCC) कंपनी में 260 नए स्थानीय बेरोजगार युवकों को तत्काल काम पर रखा जाएगा। इसके साथ ही लक्ष्मी कंपनी (JV) में कार्यरत 140 पुराने मजदूरों को भी रोजगार दिया जाएगा।
इस प्रकार कुल 400 मजदूरों को तत्काल नियुक्ति देने का निर्णय लिया गया, जिससे स्थानीय बेरोजगारों और पूर्व से कार्यरत मजदूरों को बड़ी राहत मिली है।
रोजगार की निरंतरता पर भी सहमति
वार्ता में यह भी स्पष्ट किया गया कि जब तक लक्ष्मी कंपनी द्वारा ओबी (ओवर बर्डन) का कार्य किया जाएगा, तब तक शेष बचे मजदूरों को भी कार्य में बनाए रखा जाएगा। इस निर्णय से मजदूरों के बीच रोजगार को लेकर बनी अनिश्चितता दूर हुई है।
ग्रामीण प्रतिनिधियों ने कहा कि रोजगार की निरंतरता सुनिश्चित होने से उनके परिवारों की आजीविका सुरक्षित होगी और भविष्य को लेकर भरोसा बढ़ेगा।
वार्ता में रहे ये प्रमुख लोग उपस्थित
त्रिपक्षीय वार्ता में कई प्रमुख पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। इनमें चतरा लोकसभा क्षेत्र के सीसीएल प्रतिनिधि प्रेम विकास उर्फ मंटू सिंह, आम्रपाली कोल परियोजना के जीएम अमरेश कुमार सिंह, पीओ मो. आक्रमक, एनसीसी कंपनी के बिमल कुमार ठाकुर और कृष्णा राजू, तथा लक्ष्मी कंपनी के रंजीत सिंह और सहयोगी संदीप सिंह शामिल थे।
ग्रामीणों की ओर से पांच गांवों के भू-दाताओं और प्रतिनिधियों में कुंदन पासवान, सुनील भारती, रामलाल उरांव, महेश वर्मा, प्रमोद वर्मा, संजीत यादव, विजय साव, आदित्य साव, गजाधर साव, अमलेश सिंह, आशीष चौधरी, त्रिवेणी यादव, हुलास यादव, नॉलेज भारती सहित अन्य ग्रामीण मौजूद थे। वार्ता के दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण बाहर समझौते के इंतजार में डटे रहे।
आंदोलन वापसी से राहत
लिखित सहमति बनने के बाद ग्रामीणों ने आंदोलन वापस लेने की घोषणा की। इससे आम्रपाली परियोजना में कामकाज सुचारू रूप से जारी रखने का रास्ता साफ हो गया है। परियोजना प्रबंधन ने भी भरोसा दिलाया कि समझौते के सभी बिंदुओं का पालन किया जाएगा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बातचीत के माध्यम से समाधान निकलना सकारात्मक संकेत है और इससे क्षेत्र में शांति बनी रहेगी।
न्यूज़ देखो: संवाद से निकला समाधान
आम्रपाली परियोजना में आंदोलन टलना यह दर्शाता है कि संवाद और आपसी सहमति से बड़े विवादों का समाधान संभव है। रोजगार जैसे संवेदनशील मुद्दों पर सभी पक्षों की जिम्मेदारी बनती है कि स्थानीय हितों को प्राथमिकता दी जाए। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
संवाद और एकता से ही समाधान
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