
#दिल्ली #राजकीय_दौरा : राष्ट्रपति पुतिन भारत के दो दिवसीय दौरे पर, पीएम मोदी के साथ 23वीं सालाना समिट कल
- व्लादिमीर पुतिन दो दिन के राजकीय दौरे पर भारत पहुंचे।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली एयरपोर्ट पर किया स्वागत।
- 5 दिसंबर को 23वीं भारत–रूस सालाना समिट होगी।
- पीएम मोदी ने लिखा—दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरती है।
- दौरे में रणनीतिक, रक्षा और ऊर्जा सहयोग पर बातचीत संभावित।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार शाम दिल्ली पहुंचे। एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं पहुंचकर उनका स्वागत किया, जिसने इस दौरे के महत्व को और अधिक बढ़ा दिया। पुतिन का यह दौरा दो दिन का राजकीय दौरा है, जिसके दौरान दोनों देश कई महत्वपूर्ण रणनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
पुतिन और मोदी बुधवार को 23वीं भारत–रूस सालाना समिट में शामिल होंगे। दोनों नेताओं के बीच रक्षा सहयोग, ऊर्जा सुरक्षा, व्यापार विस्तार, परमाणु तकनीक और क्षेत्रीय सुरक्षा पर विस्तृत बातचीत होने की संभावना है।
मोदी ने कहा—भारत-रूस दोस्ती समय की कसौटी पर खरी
राष्ट्रपति पुतिन के आगमन पर प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स/ट्विटर पर लिखा—
“अपने दोस्त, राष्ट्रपति पुतिन का भारत में स्वागत करते हुए बहुत खुशी हो रही है। आज शाम और कल हमारी बातचीत का इंतज़ार रहेगा। भारत-रूस की दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी है, जिससे हमारे लोगों को बहुत फ़ायदा हुआ है।”
प्रधानमंत्री के इस संदेश को भारत-रूस संबंधों की स्थिरता और विश्वास का प्रतीक माना जा रहा है। दोनों देशों के बीच दशकों पुराना सामरिक सहयोग लगातार मजबूत हो रहा है।
समिट में किन मुद्दों पर होगी चर्चा?
भारत-रूस वार्षिक समिट दोनों देशों के बीच साझेदारी की सबसे अहम बैठक मानी जाती है। इस बार कई प्रमुख विषयों पर समझौते या घोषणाएँ होने की उम्मीद है—
- रक्षा उत्पादन और तकनीक हस्तांतरण
- ऊर्जा, पेट्रोलियम और परमाणु सहयोग
- अंतरिक्ष और विज्ञान–प्रौद्योगिकी साझेदारी
- भारत–रूस व्यापार को 100 अरब डॉलर तक ले जाने की रणनीति
- एशिया–प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों पर विचार
कूटनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक तनावों के बीच यह बैठक भारत और रूस दोनों के लिए बेहद अहम साबित होगी।
स्वागत में दिखा गर्मजोशी और सामरिक संकेत
एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का स्वागत करना एक मजबूत राजनीतिक संदेश माना जा रहा है। यह न सिर्फ दोनों नेताओं की व्यक्तिगत मित्रता दर्शाता है, बल्कि इस बात का भी संकेत है कि भारत रूस को अपनी प्रमुख रणनीतिक साझेदारियों में एक महत्वपूर्ण स्थान देता है।
रूस के राष्ट्रपति अक्सर चुनिंदा देशों के ही दौरे करते हैं, ऐसे में भारत की यह प्राथमिकता दोनों देशों के रिश्तों की गहराई को दर्शाती है।
दो दिन का कार्यक्रम
दिल्ली में पुतिन का आधिकारिक कार्यक्रम काफ़ी व्यस्त रहेगा। वे भारतीय नेतृत्व के साथ विस्तृत वार्ता करेंगे, शीर्ष स्तरीय प्रतिनिधिमंडल बैठक में शामिल होंगे और कई महत्वपूर्ण समझौतों पर मुहर लग सकती है। शाम को दोनों देशों के प्रतिनिधि एक संयुक्त बयान भी जारी करेंगे।



न्यूज़ देखो: भारत–रूस संबंधों में नई ऊर्जा
पुतिन का यह दौरा ऐसे समय आया है जब वैश्विक राजनीति में तेज़ी से बदलाव हो रहे हैं। भारत और रूस अपने रणनीतिक हितों को ध्यान में रखते हुए सहयोग को नई दिशा देने की तैयारी में हैं। रक्षा, ऊर्जा और व्यापार—तीनों क्षेत्र इस साझेदारी के स्तंभ हैं।
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वैश्विक बदलाव में भारत की सक्रिय भूमिका—जागरूक बनें
अंतरराष्ट्रीय कूटनीति का प्रभाव सीधे आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ता है—ऊर्जा की कीमतों से लेकर रक्षा सुरक्षा तक।
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