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सड़ेया गांव ने टमाटर उत्पादन में बनाई खास पहचान, किसानों की आमदनी बढ़ी

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#हैदरनगर #कृषि_उत्पादन : सड़ेया गांव के किसान पिछले 40 वर्षों से टमाटर की खेती कर बेहतर आमदनी अर्जित कर रहे हैं और स्थानीय बाजारों में इसकी खास मांग है
  • सड़ेया गांव, हैदरनगर प्रखंड क्षेत्र, पिछले 40 वर्षों से बड़े पैमाने पर टमाटर की खेती कर रहा है।
  • परंपरागत फसलों धान और गेहूं की तुलना में टमाटर की खेती किसानों को अधिक लाभ प्रदान करती है।
  • यहां उगाए गए टमाटर हैदरनगर, जपला और बिहार के नबीनगर बाजार में बेचे जाते हैं।
  • स्वाद और गुणवत्ता के कारण सड़ेया के टमाटर की स्थानीय और पड़ोसी बाजारों में विशेष मांग रहती है।
  • किसान कृत मेहता ने बताया कि एक बीघा में टमाटर की खेती से सालाना अच्छी आमदनी होती है और इससे वे अपने बच्चों की उच्च शिक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं।
  • किसानों का कहना है कि सरकारी सहायता और बेहतर विपणन सुविधा मिलने पर सड़ेया के टमाटर की पहचान प्रदेश और देश स्तर तक बनाई जा सकती है।

हैदरनगर प्रखंड क्षेत्र का सड़ेया गांव आज टमाटर उत्पादन के लिए अपनी अलग पहचान बना चुका है। लगभग हर किसान यहां टमाटर की खेती से जुड़ा हुआ है और इसे प्रमुख आय का स्रोत मानता है। पिछले 40 वर्षों से टमाटर की खेती ने किसानों को न केवल आर्थिक लाभ दिया है, बल्कि स्थानीय कृषि परंपरा में भी एक नई दिशा प्रदान की है।

टमाटर की खेती और किसानों की मेहनत

सड़ेया गांव में परंपरागत फसलों जैसे धान और गेहूं की तुलना में टमाटर की खेती अधिक समय और मेहनत मांगती है, लेकिन इसके परिणामस्वरूप किसान बेहतर आमदनी प्राप्त करते हैं। यहां उगाए गए टमाटर की गुणवत्ता और स्वाद के कारण स्थानीय बाजार में इसकी लगातार मांग रहती है।

किसानों के अनुभव

किसान कृत मेहता ने बताया:

कृत मेहता ने कहा: “हमने एक बीघा में टमाटर की खेती की है। इससे हमें सालाना अच्छी कमाई होती है और इसी आमदनी के सहारे अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिला पा रहे हैं।”

किसानों ने यह भी कहा कि जब अन्य क्षेत्रों से टमाटर आता है, तो कुछ समय के लिए भाव गिर जाते हैं, लेकिन सड़ेया के टमाटर की गुणवत्ता और स्वाद के कारण इसे हमेशा विशेष महत्व मिलता है।

भविष्य की संभावनाएँ और सरकारी भूमिका

किसानों का मानना है कि यदि सरकारी स्तर पर सहायक नीतियां और बेहतर विपणन की सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँ, तो सड़ेया गांव का टमाटर प्रदेश और देश स्तर पर भी अपनी पहचान बना सकता है। इससे न केवल किसानों की आमदनी बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय कृषि क्षेत्र का भी विकास होगा।

न्यूज़ देखो: सड़ेया गांव का टमाटर उत्पादन

सड़ेया गांव की यह पहल दर्शाती है कि ग्रामीण क्षेत्र में कृषि उत्पादन में नवाचार और मेहनत से आर्थिक समृद्धि संभव है। गुणवत्ता और स्वाद के साथ कृषि उत्पाद को बाजार तक पहुँचाने की दिशा में किसानों की सक्रिय भागीदारी सराहनीय है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

किसानों को प्रोत्साहित करें और कृषि को बढ़ावा दें

ग्रामीण और किसान समुदाय को प्रेरित करना जरूरी है कि वे परंपरागत कृषि के साथ-साथ उन्नत तकनीकों और विपणन उपायों का उपयोग करें। सरकारी योजनाओं और स्थानीय कृषि मंडियों की जानकारी लेकर अपने उत्पाद को बेहतर बाजार तक पहुँचाएँ। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और अपने इलाके में कृषि और आर्थिक विकास की पहल में सक्रिय भागीदार बनें।

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Yashwant Kumar

हुसैनाबाद, पलामू

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