घटना के मुख्य बिंदु:
- रक्तस्राव से तड़पती महिला: प्रसव के बाद गंभीर रक्तस्राव से महिला की हालत बिगड़ी।
- महिला चिकित्सक का अनुपस्थित होना: डॉक्टर माया पांडे ने समय पर मरीज को नहीं देखा, रेफर करने की सलाह दी।
- अस्पताल की अव्यवस्था: दूसरी घटना में भी महिला चिकित्सक देर से अस्पताल पहुंचीं।
- परिजनों का आक्रोश: मरीज के परिजनों ने न्याय की गुहार लगाई।
- जांच का आश्वासन: उपाधीक्षक ने मामले की जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया।
गढ़वा सदर अस्पताल में फिर एक बार अव्यवस्था और लापरवाही का मामला सामने आया है। मंगलवार रात प्रसव के बाद गंभीर रक्तस्राव से तड़प रही रुकसार प्रवीण को देखना महिला चिकित्सक की जिम्मेदारी थी, लेकिन वह समय पर अस्पताल नहीं पहुंची। अस्पताल की नर्सों ने डॉक्टर माया पांडे को सूचित किया, लेकिन उन्होंने मरीज को रेफर करने की सलाह दी और फिर मोबाइल बंद कर दिया। बाद में, इमरजेंसी ओपीडी के डॉक्टरों ने महिला का इलाज शुरू किया, जिससे स्थिति कुछ हद तक सुधरी, लेकिन मरीज को अंततः मेदनीनगर रेफर करना पड़ा।
दूसरी घटना में भी चिकित्सक की लापरवाही देखने को मिली। गोविंद कुमार की पत्नी प्रिया कुमारी को प्रसव पीड़ा के बाद अस्पताल लाया गया, लेकिन महिला चिकित्सक माया पांडे ने ऑपरेशन की तैयारी तो की, परंतु रातभर अस्पताल नहीं पहुंचीं। उनकी ड्यूटी मंगलवार रात 9 बजे से थी, लेकिन वह सुबह तक नदारद रहीं। डॉक्टर पुष्पा कुमारी ने ऑपरेशन किया और मरीज को बेटे को जन्म दिया। इस दौरान ओपीडी में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था, जिससे अन्य मरीज बिना इलाज के लौट गए।
इस घटना के बाद, परिजनों ने उपाधीक्षक कार्यालय के सामने रोते हुए न्याय की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि वह खुद अस्पताल के स्टाफ की सदस्य हैं, फिर भी उनके साथ ऐसा बर्ताव हुआ। उपाधीक्षक हरेन चंद्र महतो ने इस मामले की जानकारी लेते हुए जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
सदर अस्पताल की यह घटना अस्पताल प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है। मरीज और उनके परिजन बेहतर इलाज की उम्मीद से अस्पताल पहुंचते हैं, लेकिन लापरवाह चिकित्सकों की वजह से उन्हें निराशा का सामना करना पड़ता है।
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