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सहयोग अस्पताल में पहली डिलीवरी बनी दर्दनाक आखिरी सांस, प्रसव के दौरान महिला की मौत पर हंगामा

#बिशनपुर #मौतकेसाएमेंप्रसव – तारा चूमलो गांव की 25 वर्षीय महिला की मौत के बाद परिजनों का फूटा गुस्सा, अस्पताल पर लापरवाही और पैसे वसूली का आरोप

सीज़ेरियन के बाद मौत, परिवार को नहीं दी गई जानकारी

बिशनपुर स्थित सहयोग अस्पताल में बीती रात जमुआ थाना क्षेत्र के तारा चूमलो गांव की सरती कुमारी (25 वर्ष) को प्रसव पीड़ा के बाद भर्ती कराया गया था। सुबह करीब 8 बजे अस्पताल में सीज़ेरियन ऑपरेशन हुआ, जिसमें बच्चा सुरक्षित जन्मा लेकिन मां की जान नहीं बचाई जा सकी।

परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने रात भर और सुबह तक उन्हें महिला की स्थिति के बारे में अंधेरे में रखा। केवल जब इलाज के नाम पर संपूर्ण राशि वसूल ली गई, तब उन्हें बताया गया कि स्थिति गंभीर है।

“हमें दिनभर कुछ नहीं बताया गया। पैसे मांगे, हमने दिए। बाद में कहा गया कि सरती नहीं रही। ये मौत लापरवाही से हुई है।”
मृतका के परिजन

लापरवाही और वसूली के आरोपों से घिरा अस्पताल

परिजनों का यह भी आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने इलाज के नाम पर अधिक राशि वसूली और बाद में मौत की जानकारी छिपाने की कोशिश की। मृतका के परिवार ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही और अमानवीय व्यवहार का आरोप लगाते हुए प्रशासन से निष्पक्ष और गहन जांच की मांग की है।

घटना के बाद से पीड़ित परिवार सदमे में है और गांव में शोक का माहौल व्याप्त है। यह सरती कुमारी की पहली डिलीवरी थी, जिसे लेकर परिवार उत्साहित था, लेकिन यह खुशी मातम में बदल गई।

जिम्मेदारी तय हो, दोषियों को मिले सज़ा : परिजनों की मांग

परिजनों ने स्पष्ट कहा है कि यदि समय पर सही इलाज और जानकारी मिलती, तो सरती की जान बचाई जा सकती थी। उन्होंने मांग की है कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच हो और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि आगे किसी और परिवार को इस तरह का दर्द न सहना पड़े।

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एक लापरवाही ने छीन ली मां की ममता

यह घटना बताती है कि मेडिकल सेक्टर में पारदर्शिता और जवाबदेही कितनी ज़रूरी है। पहली डिलीवरी के समय एक युवा महिला की मौत न केवल उसके परिवार, बल्कि पूरे समाज के लिए चिंता का विषय है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस घटना पर कितनी तेजी और गंभीरता से कार्रवाई करता है।

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