#गुमला #संतमोनिका : धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक उत्साह के साथ संत मोनिका का पर्व धूमधाम से मनाया गया
- जारी प्रखंड के बारडीह पारिश में संत मोनिका पर्व धूमधाम से संपन्न।
- विशेष मिस्सा अनुष्ठान का नेतृत्व फादर ललित जोन एक्का ने किया।
- संत मोनिका को बताया गया माताओं का आदर्श संत।
- बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे धार्मिक आयोजन में।
- बच्चों और युवाओं ने प्रस्तुत किए नृत्य, गीत और नाटक।
जारी प्रखंड के बारडीह पारिश में रविवार को संत मोनिका का पर्व पूरे श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। सुबह से ही पारिश परिसर में भक्तों का जमावड़ा लगा रहा, जहां विशेष मिस्सा अनुष्ठान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अधिष्ठाता फादर ललित जोन एक्का ने अनुष्ठान संपन्न कराया, वहीं सहयोगी की भूमिका फादर अजित केरकेट्टा ने निभाई।
माताओं के लिए आदर्श संत का संदेश
धार्मिक अनुष्ठान के बाद फादर ललित जोन एक्का ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए संत मोनिका के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि संत मोनिका माताओं के लिए एक आदर्श संत मानी जाती हैं, जिन्होंने अपने धैर्य, त्याग और निरंतर प्रार्थना से परिवार और समाज को दिशा दी। उनके जीवन से आज भी परिवार और मातृत्व को नई ऊर्जा और प्रेरणा मिलती है।
श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
संत मोनिका पर्व के अवसर पर पारिश परिसर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुए। महिलाएं, पुरुष, युवा और बच्चे सभी इस आयोजन में शामिल हुए और संत मोनिका की शिक्षाओं को आत्मसात करने का संकल्प लिया। भक्तिमय माहौल में लोगों ने प्रार्थनाओं के बीच गहरी आध्यात्मिक अनुभूति की।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बढ़ाई भव्यता
धार्मिक अनुष्ठान के बाद रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने माहौल को और अधिक जीवंत कर दिया। बच्चों और युवाओं ने नृत्य, गीत और नाटक प्रस्तुत किए, जिससे कार्यक्रम में उत्साह और आकर्षण का संचार हुआ। पूरे दिन पारिश परिसर श्रद्धा, भक्ति और आनंद से सराबोर रहा।



न्यूज़ देखो: आस्था और संस्कृति का संगम बना संत मोनिका पर्व
जारी प्रखंड के बारडीह पारिश में मनाया गया संत मोनिका पर्व केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि समाज को प्रेरणा और संस्कार देने वाला अवसर रहा। मातृत्व, धैर्य और त्याग का यह संदेश समाज में परिवार की भूमिका को और मजबूत करता है।
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आस्था से मिली प्रेरणा, संस्कृति ने जोड़ा समाज
संत मोनिका पर्व हमें बताता है कि परिवार और समाज की नींव माताओं के त्याग और धैर्य पर खड़ी है। अब समय है कि हम सब इस प्रेरणा को अपने जीवन में उतारें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि यह संदेश और दूर तक पहुंच सके।