
#सलैया #सड़क_खंडहर : चुनावी वादों के बावजूद टूटी सड़क, ग्रामीणों का आक्रोश
- सलैया गांव की सड़क बारिश में पूरी तरह खंडहर बनी।
- 2 किलोमीटर रास्ते पर पानी और कीचड़ से गुजरना मजबूरी।
- बच्चों की पढ़ाई बाधित, मरीजों को ले जाना कठिन।
- जनप्रतिनिधियों पर आरोप, चुनाव बाद वादे भूल गए।
- ग्रामीणों ने सड़क और पुलिया मरम्मत की मांग की।
पलामू। छतरपुर प्रखंड के पंचायत चराई अंतर्गत सलैया गांव में सड़क की स्थिति भयावह हो चुकी है। बारिश के मौसम में ब्रछाही मोड़ से साव टोला तक करीब दो किलोमीटर लंबा रास्ता पानी और कीचड़ से भरकर पूरी तरह खंडहर में बदल गया है। ग्रामीणों का कहना है कि इस रास्ते से बच्चों का स्कूल जाना मुश्किल हो गया है और बीमार लोगों को अस्पताल ले जाने में भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है।
बारिश में दलदल बना रास्ता
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब से झारखंड बिहार से अलग हुआ और यहां मिट्टी-मोरम की सड़क बनी थी, तब से आज तक कोई मरम्मत का कार्य नहीं हुआ। बरसात के मौसम में सड़क दलदल और नालों में तब्दील हो जाती है, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका हमेशा बनी रहती है।
पढ़ाई और स्वास्थ्य पर असर
सड़क की जर्जर स्थिति के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। वहीं बीमार मरीजों और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचाना ग्रामीणों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। कई बार लोगों को चारपाई पर लादकर कठिन रास्ते से अस्पताल ले जाना पड़ता है।
जनप्रतिनिधियों पर भरोसा टूटा
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि हर चुनाव के समय जनप्रतिनिधि बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन जीतने के बाद गांव की समस्याओं की ओर कोई ध्यान नहीं देते। इस मामले में बिनोद भुइया, अनिल यादव, अकलेश यादव, विजय यादव, अनुज कुमार, मनोज कुमार गुप्ता, सेठ साव, सांभू साव, मालुकी भुइया, राजिंदर भुइया समेत अन्य ग्रामीणों ने कहा कि अब धैर्य टूट रहा है और प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को तत्काल सड़क और पुलिया का निर्माण करना होगा।
न्यूज़ देखो: खंडहर बनी सड़क से टूटा विकास का सपना
सलैया की टूटी सड़क केवल एक रास्ता नहीं, बल्कि ग्रामीण जीवन का सहारा है। पढ़ाई से लेकर स्वास्थ्य तक हर क्षेत्र इससे प्रभावित हो रहा है। अगर प्रशासन ने तुरंत पहल नहीं की तो यह समस्या सिर्फ सलैया तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि पलामू के विकास की तस्वीर पर भी सवाल खड़े करेगी।
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अब बदलाव की मांग ग्रामीणों की आवाज
अब वक्त है कि ग्रामीणों की आवाज को प्रशासन तक मजबूती से पहुंचाया जाए। सड़क और पुलिया का निर्माण न सिर्फ सुविधा देगा, बल्कि बच्चों के भविष्य और मरीजों की जिंदगी की रक्षा करेगा। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि जागरूकता फैले और जिम्मेदार लोग कार्रवाई करने को मजबूर हों।