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रांची नगर निगम में वेतन भुगतान अटका, 176 ट्रैक्टर चालक आर्थिक संकट से जूझ रहे

#रांची #कचरा_प्रबंधन : एक वर्ष से वेतन न मिलने पर ट्रैक्टर चालक भरण-पोषण और बच्चों की पढ़ाई को लेकर संकट में

रांची नगर निगम के कचरा उठाने का जिम्मा संभालने वाले 176 ट्रैक्टर चालक पिछले एक वर्ष से अधिक समय से वेतन भुगतान न मिलने के कारण गहरे आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। कई चालक अपनी गाड़ी की किश्तें समय पर नहीं चुका पा रहे हैं और बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। सोमवार को इन चालकों ने सामूहिक रूप से आवाज उठाई और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से समस्या साझा की। इस मुद्दे पर अब प्रशासन और अधिकारियों की गंभीरता पर सवाल उठ रहे हैं।

एक वर्ष से बकाया, जीवन पर संकट

रांची नगर निगम की ओर से 176 ट्रैक्टर चालकों का वेतन एक वर्ष से लंबित है। इनमें से अधिकांश चालकों का जीवन-यापन इसी आय पर निर्भर है। वेतन न मिलने से कई परिवारों की स्थिति इतनी खराब हो गई है कि वे भोजन, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं जैसी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में भी असमर्थ हो रहे हैं।

चालकों का सामूहिक विरोध

सोमवार को बड़ी संख्या में ट्रैक्टर चालक और उनके मालिक एकत्र हुए और अपनी समस्या साझा की। इस दौरान उन्होंने साफ कहा कि अगर जल्द वेतन भुगतान नहीं किया गया तो वे मजबूर होकर आंदोलन करेंगे। चालकों का कहना है कि उनकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो चुकी है।

एक चालक ने कहा: “हम रोज़ शहर का कचरा ढोते हैं, सफाई का जिम्मा उठाते हैं लेकिन हमारे ही परिवार भूखे सोने की स्थिति में हैं। निगम को हमारी परेशानी समझनी चाहिए।”

जनप्रतिनिधियों की दखल

मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी हस्तक्षेप किया। उन्होंने निगम अधिकारियों से फोन पर बातचीत कर चालकों का वेतन जल्द से जल्द भुगतान करने का आग्रह किया। जनप्रतिनिधियों का मानना है कि इतने बड़े स्तर पर अगर कर्मचारियों को भुगतान नहीं मिलेगा तो न केवल उनका जीवन प्रभावित होगा बल्कि स्वच्छ रांची अभियान भी प्रभावित हो सकता है।

एक स्थानीय पार्षद ने कहा: “रांची शहर की स्वच्छता में इन ट्रैक्टर चालकों की अहम भूमिका है। अगर इन्हें ही मेहनताना न मिले तो यह प्रशासन की बड़ी विफलता है। हम इस पर अधिकारियों से सख्त कार्रवाई की मांग करेंगे।”

शहर की स्वच्छता पर भी असर

रांची शहर को स्वच्छ रखने के लिए ट्रैक्टर चालकों की भूमिका अहम है। ये चालक सुबह से देर रात तक शहर के हर इलाके से कचरा ढोकर डंपिंग यार्ड तक पहुंचाते हैं। लेकिन वेतन न मिलने से उनका मनोबल टूट रहा है। इससे कचरा प्रबंधन व्यवस्था भी प्रभावित होने का खतरा है।

नागरिकों का कहना है कि यदि प्रशासन ने समय पर भुगतान की व्यवस्था नहीं की तो आने वाले दिनों में शहर की साफ-सफाई पर भी असर पड़ सकता है।

परिजनों की पीड़ा

कई चालक ऐसे हैं जिनकी आजीविका पूरी तरह से इसी कार्य पर निर्भर है। वे कहते हैं कि बच्चों की स्कूल फीस न भर पाने की वजह से उन्हें स्कूल से निकाले जाने का डर है। वहीं, कई चालक ऐसे हैं जिनकी गाड़ियां लोन पर हैं और किस्त समय पर न देने पर बैंक या फाइनेंस कंपनियों ने नोटिस भेजना शुरू कर दिया है।

एक चालक की पत्नी ने कहा: “हमारे बच्चे की पढ़ाई रुक गई है। घर चलाना मुश्किल हो गया है। निगम हमें कब तक इंतजार करवाएगा?”

प्रशासन की चुप्पी

अब तक निगम प्रशासन की ओर से इस मामले पर कोई स्पष्ट बयान सामने नहीं आया है। चालकों का कहना है कि वे कई बार अधिकारियों से मिल चुके हैं, लेकिन उन्हें केवल आश्वासन ही मिला है।


न्यूज़ देखो: भुगतान में लापरवाही से बढ़ी परेशानियां

यह खबर साफ दिखाती है कि स्वच्छ शहर अभियान का सबसे अहम हिस्सा माने जाने वाले ट्रैक्टर चालकों की अनदेखी की जा रही है। निगम की लापरवाही ने सैकड़ों परिवारों को संकट में डाल दिया है। यदि अधिकारी समय रहते कार्रवाई नहीं करते तो इसका असर शहर की साफ-सफाई पर भी पड़ेगा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

जनता की आवाज़ बने, समाधान की राह दिखाएं

यह समय है कि नागरिक न केवल अपनी समस्याएं उठाएं बल्कि समाधान की मांग भी जोर से करें। ट्रैक्टर चालकों के मुद्दे को साझा करें, अपनी राय दें और प्रशासन को जवाबदेह बनाएं।

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