
#महुआडाड़ #शहीद_दिवस : शहीद सिलाश कुजूर की प्रतिमा पर माल्यार्पण, दो मिनट का मौन और जवानों-ग्रामीणों की उपस्थिति के बीच गरिमा पूर्ण आयोजन सम्पन्न
- महुआडाड़ में शहीद सिलाश कुजूर की पुण्य स्मृति में शहीद दिवस मनाया गया।
- सीआरपीएफ कमांडेंट यादराम बुनकर, उप-कमांडेंट मुकेश कुमार सिंह, थाना प्रभारी मनोज कुमार सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित।
- शहीद की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया गया।
- उपस्थित सभी लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी।
- जवानों ने कहा—शहीद का त्याग और वीरता आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है।
- ग्रामीणों ने कहा—ऐसे आयोजन राष्ट्रीय चेतना और एकजुटता को मजबूत करते हैं।
महुआडाड़ में सोमवार को वीर शहीद सिलाश कुजूर की पुण्य स्मृति में शहीद दिवस श्रद्धा, सम्मान और गरिमा के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत शहीद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन करने से हुई। समारोह में सरयू पिकेट के सीआरपीएफ जवानों, स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस पदाधिकारियों और बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने उपस्थिति दर्ज कराई, जिससे पूरा माहौल देशभक्ति की भावना से भर गया।
शहीद की प्रतिमा पर अधिकारियों व जवानों ने अर्पित किए पुष्प
कार्यक्रम में सबसे पहले सीआरपीएफ कमांडेंट यादराम बुनकर, उप-कमांडेंट मुकेश कुमार सिंह, और महुआडाड़ थाना प्रभारी मनोज कुमार ने शहीद सिलाश कुजूर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए उनके बलिदान को याद किया। उनके साथ अन्य अधिकारियों एवं जवानों ने भी प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किए।
इसके बाद उपस्थित सभी लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर राष्ट्र सेवा में शहीद के उत्कृष्ट योगदान को नमन किया। मौन धारण के दौरान वातावरण पूरी तरह शांत था, मानो प्रकृति भी शहीद की स्मृति में झुक गई हो।
जवानों ने कहा—शहीद की वीरता हमेशा प्रेरणा देगी
सीआरपीएफ जवानों ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि शहीद सिलाश कुजूर का त्याग और वीरता हमेशा नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बनी रहेगी। जवानों ने इस बात पर जोर दिया कि देश की सुरक्षा में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले वीरों को याद करना सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि समाज को राष्ट्रसेवा और देशभक्ति से जोड़ने का एक पवित्र माध्यम है।
उन्होंने यह भी कहा कि शहीदों के साहस और आदर्शों को आगे बढ़ाना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। ऐसे आयोजन युवाओं को राष्ट्र के प्रति कर्तव्य भावना से जोड़ते हैं।
ग्रामीणों ने जताई गहरी संवेदना और गर्व
कार्यक्रम में शामिल स्थानीय ग्रामीणों ने भी शहीद सिलाश कुजूर के प्रति गहरी श्रद्धा व्यक्त की। ग्रामीणों ने कहा कि शहीद का बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकता और ऐसे कार्यक्रम समाज में एकजुटता, सम्मान और राष्ट्रीय जागरूकता को बढ़ाते हैं।
ग्रामीणों ने इस आयोजन को महुआडाड़ क्षेत्र के लिए गर्व का विषय बताया और कहा कि शहीद के सपनों और आदर्शों को आगे बढ़ाने में गांव का हर नागरिक सहयोग करेगा।
शांति और गरिमा के वातावरण में सम्पन्न हुआ कार्यक्रम
पूरे कार्यक्रम के दौरान शांति और गरिमा का वातावरण बना रहा। कार्यक्रम में शामिल सभी लोगों ने एक स्वर से यह संकल्प लिया कि शहीद सिलाश कुजूर के सपनों को साकार करने के लिए समाज मिलकर प्रयास करेगा।
न्यूज़ देखो: शहीदों की स्मृति हमें कर्तव्य और समर्पण का संदेश देती है
महुआडाड़ का यह आयोजन बताता है कि शहीद सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के लिए एक आदर्श होते हैं। उनका बलिदान हमें यह याद दिलाता है कि देश की सुरक्षा और सम्मान के लिए हर नागरिक की भूमिका महत्वपूर्ण है। प्रशासन और समाज द्वारा शहीदों को सम्मान देने की यह परंपरा और अधिक मजबूत होनी चाहिए।
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शहीदों के आदर्शों को आगे बढ़ाने का संकल्प—यही सच्ची श्रद्धांजलि
शहीद दिवस न सिर्फ स्मरण का अवसर है, बल्कि अपने भीतर राष्ट्रभक्ति, एकता और जिम्मेदारी की भावना जगाने का क्षण भी है। आइए मिलकर शहीदों के दिखाए मार्ग पर चलें, समाज में जागरूकता फैलाएं, और अपने कर्तव्यों को ईमानदारी से निभाएं।
अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें, और शहीद सिलाश कुजूर की वीरता को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं—यही हमारी सच्ची श्रद्धांजलि है।





