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बेतला में बारिश से टूटा समदा आहर बांध, सड़क नाले में तब्दील, बिजली खंभे पर जान जोखिम में डाल कर पार हो रहे ग्रामीण

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#बरवाडीह #बेतला : बारिश से टूटा बांध और सड़क, ग्रामीणों की रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित
  • समदा आहर बांध बारिश में टूटा, 50 एकड़ में खेती प्रभावित
  • धान की फसल के लिए जरूरी सिंचाई ठप, किसान चिंतित।
  • बिजली का खंभा रखकर टूटी सड़क पार कर रहे ग्रामीण।
  • दर्जनों लोग घायल, फिर भी प्रशासन बेपरवाह।
  • किसानों ने बांध मरम्मत की मांग सरकार से की।

बरवाडीह प्रखंड के बेतला पंचायत में पिछले महीने हुई लगातार बारिश ने समदा आहर बांध को तोड़ दिया है। इस टूटने से लगभग 50 एकड़ भूमि में धान की खेती प्रभावित हुई है। यह बांध स्थानीय किसानों के लिए सिंचाई का प्रमुख साधन था। अब पानी का बहाव इतना तेज हो गया कि न सिर्फ बांध बर्बाद हुआ बल्कि सड़कों पर नाले जैसे हालात बन गए।

टूटा बांध, बिगड़ी किसानों की उम्मीद

किसान अरुण सिंह सहित कई किसानों का कहना है कि यह बांध वर्षों से धान की सिंचाई में सहायक रहा है।

अरुण सिंह ने बताया: “बांध निर्माण के बाद से मरम्मत नहीं कराई गई। इस बार भारी बारिश से बांध का बड़ा हिस्सा बह गया और पानी बर्बाद हो रहा है।”

किसानों ने चिंता जताई कि अगर तुरंत बांध की मरम्मत नहीं की गई तो अगली फसल पर भी असर पड़ेगा। बरसात के इस मौसम में धान की फसल को पानी मिलना जरूरी है, लेकिन पानी का स्रोत खत्म होने से सिंचाई रुक गई है।

सड़क बनी नाला, ग्रामीणों की मुश्किल दोगुनी

बरवाडीह प्रखंड में लगातार बारिश से कई सड़कों पर गहरे गड्ढे हो गए हैं। समदा आहर बांध टूटने के बाद बेतला की मुख्य सड़क भी कटकर नाले जैसी हो गई। इससे आवागमन पूरी तरह बाधित है। ग्रामीणों ने मजबूरी में टूटी सड़क पर बिजली का खंभा रखकर पार करने का इंतजाम किया है।

लेकिन यह इंतजाम बेहद खतरनाक साबित हो रहा है। अब तक दर्जनों लोग गड्ढे में गिरकर घायल हो चुके हैं। ग्रामीण तैयुब अंसारी, पूर्व मुखिया अरुण सिंह, सहादत अंसारी, सलाउद्दीन अंसारी समेत दर्जनों लोगों ने बताया कि इस समस्या के समाधान के लिए उन्होंने कई बार बीडीओ और पंचायत समिति को आवेदन दिया, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

प्रशासन की चुप्पी से बढ़ रही नाराजगी

ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। टूटी सड़क और बांध के कारण जनजीवन पूरी तरह प्रभावित है। आवागमन ठप होने से बच्चों की पढ़ाई, मरीजों का अस्पताल जाना और किसानों का खेत तक पहुंचना मुश्किल हो गया है।

न्यूज़ देखो: प्रशासन की लापरवाही ने बढ़ाई ग्रामीणों की परेशानी

यह घटना बताती है कि समय पर रखरखाव न होने से कैसे छोटी समस्याएं बड़ी आपदा में बदल जाती हैं। समदा आहर बांध टूटने और सड़क कटने से न सिर्फ किसानों की आजीविका पर असर पड़ा है, बल्कि लोगों की जान भी खतरे में है। प्रशासन को तुरंत मरम्मत कार्य शुरू करना चाहिए। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

अब बदलाव का समय

गांव की समस्याएं सिर्फ सरकार की नहीं, हमारी भी जिम्मेदारी हैं। जब तक हम आवाज नहीं उठाएंगे, सुधार नहीं होगा। आइए सजग नागरिक बनें, अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि जिम्मेदारों तक यह आवाज पहुंचे।

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