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बालू माफिया सक्रिय: एनजीटी प्रभाव लागू होने से पहले जोरों पर अवैध भंडारण

#बेतला #अवैधबालूउठाव — औरंगा और कोयल नदी किनारे बालू का बड़े पैमाने पर अवैध भंडारण जारी

प्रतिबंध से पहले धड़ल्ले से हो रहा बालू का अवैध भंडारण

बेतला क्षेत्र के बालू घाटों पर 10 जून से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेश के तहत प्रतिबंध लागू होने वाला है। इसी को ध्यान में रखते हुए स्थानीय बालू माफिया पहले से ही भंडारण की तैयारी में जुट गए हैं
औरंगा और कोयलनदी के आसपास दिन-रात ट्रैक्टरों से बालू उठाव और परिवहन हो रहा है, ताकि बंद होने से पहले अधिकतम बालू एकत्रित किया जा सके

माफियाओं की सक्रियता से खुला है प्रशासनिक चुनौती का मोर्चा

स्थानीय ग्रामीणों और क्षेत्रीय जानकारों का कहना है कि ज्यादातर भंडारण कार्य अंधेरे में नहीं, बल्कि खुलेआम चल रहा है
प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई अब तक नहीं दिख रही, जिससे माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।

बरवाडीह सीओ ने कही सख्त कार्रवाई की बात

बरवाडीह के अंचल अधिकारी मनोज कुमार ने कहा: “बालू के अवैध भंडारण पर प्रखंड प्रशासन की पैनी नजर है और जल्द ही कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।”

प्रशासन ने संकेत दिया है कि एनजीटी के आदेश को सख्ती से लागू किया जाएगा और अवैध भंडारण करने वालों पर कानूनन कार्रवाई की जाएगी।

न्यूज़ देखो: पर्यावरणीय आदेशों की अनदेखी या प्रशासनिक उदासीनता?

बालू माफिया द्वारा खुलेआम भंडारण यह दर्शाता है कि या तो प्रशासन बेबस है या फिर अनदेखी कर रहा है
एनजीटी जैसे संस्थानों की सिफारिशें अगर जमीनी स्तर पर लागू नहीं हुईं, तो नदी तंत्र, पारिस्थितिकी और स्थानीय आजीविका को बड़ा खतरा है।
‘न्यूज़ देखो’ इस पूरे मामले पर पैनी नजर बनाए हुए है और प्रशासन से पारदर्शी कार्रवाई की मांग करता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

जागरूकता ही बदलाव की पहली सीढ़ी

प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के लिए सिर्फ कानून ही नहीं, जन-जागरूकता और नागरिकों की भागीदारी भी बेहद जरूरी है।
बालू तस्करी जैसे मामलों पर स्थानीय नागरिकों को भी सतर्क रहना होगा और किसी भी अवैध गतिविधि की सूचना प्रशासन तक पहुंचानी चाहिए।
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