
#हुसैनाबाद #आकस्मिक_दुर्घटना : अयोध्या पहुंचे दरूआ गांव के संजय सिंह का हार्ट अटैक से निधन—सूचना मिलते ही पूरे क्षेत्र में पसरा मातम
- दरूआ गांव के लोकप्रिय निवासी संजय सिंह का अयोध्या में श्रीराम–जानकी विवाहोत्सव के दौरान आकस्मिक निधन।
- अचानक तेज सीने में दर्द और उसके बाद हार्ट अटैक आने से हुई मौत।
- सूचना मिलते ही हुसैनाबाद क्षेत्र में शोक की लहर, ग्रामीणों में स्तब्धता।
- जिप उपाध्यक्ष आलोक कुमार सिंह उर्फ टूटू सिंह ने गहरी संवेदना व्यक्त की।
- अंतिम संस्कार में दूर-दूर से पहुंचे लोग—उनके सामाजिक व्यक्तित्व को दी श्रद्धांजलि।
अयोध्या से रविवार को जैसे ही यह दुःखद सूचना दरूआ गांव पहुंची कि सम्मानित ग्रामीण संजय सिंह का हार्ट अटैक से निधन हो गया, पूरे क्षेत्र में शोक की गहरी छाया फैल गई। श्रीराम–जानकी विवाहोत्सव में श्रद्धापूर्वक शामिल होने गए संजय सिंह को अचानक सीने में तेज दर्द की शिकायत हुई, जिसके बाद उनकी स्थिति गंभीर हो गई। मौके पर लोगों ने तुरंत चिकित्सकीय मदद की व्यवस्था की, किन्तु डॉक्टरों के प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। गांव में यह खबर पहुंचते ही माहौल मातमी हो गया और लोग सदमे में डूब गए।
अयोध्या की धार्मिक यात्रा बना आखिरी क्षण
संजय सिंह धार्मिक आस्था से जुड़े व्यक्ति थे और सामाजिक–सांस्कृतिक आयोजनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे। ग्रामीणों के अनुसार श्रीराम–जानकी विवाहोत्सव उनके लिए श्रद्धा का विशेष अवसर था, जिसके लिए वे उत्साहित होकर अयोध्या गए थे। परंतु नियति को कुछ और ही मंजूर था और यह पावन यात्रा उनके जीवन का अंतिम अवसर साबित हो गई।
गांव में अविश्वास और शोक का माहौल
दरूआ गांव में संजय सिंह का सम्मान और लोकप्रियता बेहद गहरी थी। उनके शांत स्वभाव, सरल व्यक्तित्व और मिलनसार व्यवहार के कारण वे सबके प्रिय थे। उनके निधन की खबर मिलते ही गांव में सन्नाटा पसर गया। युवा, बुजुर्ग, महिलाएं—सबकी आंखें नम थीं। लोग बार-बार यही कह रहे थे कि कुछ दिन पहले तक मुस्कुराते हुए दिखने वाले संजय आज उनके बीच नहीं रहे, इस पर विश्वास करना कठिन है।
जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने व्यक्त की संवेदना
हुसैनाबाद एवं आसपास के क्षेत्रों में भी इस घटना का गहरा असर हुआ।
जिला परिषद उपाध्यक्ष आलोक कुमार सिंह उर्फ टूटू सिंह ने शोक व्यक्त करते हुए कहा:
आलोक कुमार सिंह उर्फ टूटू सिंह ने कहा: “संजय सिंह अत्यंत सौम्य, मिलनसार और सरल हृदय व्यक्ति थे। उनका जाना समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर उनकी आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिवार को शक्ति प्रदान करें।”
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और बुद्धिजीवियों ने भी कहा कि संजय सिंह जैसी सादगी, सौम्यता और सामाजिक सक्रियता आज के समय में बहुत कम देखने को मिलती है। गांव में होने वाले अधिकांश सामाजिक कार्यक्रमों में उनकी उपस्थिति विशेष महत्व रखती थी।
परिवार पर दुखों का पहाड़, अंतिम संस्कार में उमड़ी भीड़
संजय सिंह के निधन से उनका परिवार पूरी तरह टूट गया है। परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है। अंतिम संस्कार के दौरान भारी संख्या में लोग दूर-दूर से पहुंचे, जिसने उनके प्रति लोगों के सम्मान और प्रेम को स्पष्ट रूप से दिखाया। ग्रामीणों ने कहा कि संजय सिंह का जाना ऐसी क्षति है जिसकी भरपाई लंबे समय तक संभव नहीं होगी। उनका सरल स्वभाव और सामाजिक जुड़ाव हमेशा लोगों की स्मृतियों में जीवित रहेगा।
न्यूज़ देखो: समाज को जोड़ने वाले व्यक्तित्व की कमी
संजय सिंह का अचानक निधन यह दर्शाता है कि समाज में ऐसे सौम्य और मिलनसार व्यक्तित्व कितने महत्वपूर्ण होते हैं। उनका जाना न केवल परिवार की क्षति है, बल्कि पूरे क्षेत्र के सामाजिक संतुलन पर असर डालता है। स्वास्थ्य आपात स्थितियों में समय पर चिकित्सा सुविधाओं के महत्व पर भी यह घटना गंभीर प्रश्न खड़े करती है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
संवेदना के साथ सामाजिक जागरूकता की अपील
संजय सिंह के जीवन से हमें सीख मिलती है कि सामाजिक जुड़ाव और इंसानियत ही समुदाय को मजबूत बनाती है। ऐसे व्यक्ति समाज की आत्मा होते हैं, और उनका जाना सभी को भीतर तक प्रभावित करता है। यह समय है कि हम एक-दूसरे के दुख–सुख में सहभागी बनें, स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें और समाज में आपसी सहयोग को बढ़ावा दें।
अपनी श्रद्धांजलि कमेंट में लिखें, इस खबर को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं और जागरूकता फैलाने में सहयोग करें।





