
#गढ़वा #शिक्षा_सफलता : स्वर्गीय पिता के सपनों को पूरा कर संजीव ने गांव में बधाई का माहौल बनाया
- संजीव कुमार पांडेय ने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की सहायक आचार्य परीक्षा उत्तीर्ण की।
- वे सामाजिक विज्ञान विभाग में सहायक आचार्य नियुक्त होंगे।
- इस सफलता को उन्होंने अपने स्वर्गीय पिता के आशीर्वाद से जोड़ा।
- उनके दो बड़े भाई दिलीप कुमार पांडेय (रेलवे) और प्रदीप कुमार पांडेय (भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस) भी सरकारी सेवा में हैं।
- गांव में एक छोटे किसान परिवार के तीनों पुत्र सरकारी सेवा में होने पर गर्व का माहौल है।
- अनेक स्थानीय नागरिकों ने संजीव को बधाई दी।
रंका बौलिया पंचायत के कामता गांव निवासी संजीव कुमार पांडेय ने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय सहायक आचार्य (सामाजिक विज्ञान) परीक्षा में सफलता प्राप्त कर अपने स्वर्गीय पिता महेंद्र नाथ पांडेय के सपनों को साकार किया है। इस उपलब्धि से संजीव का परिवार और गांव में खुशी का माहौल छाया हुआ है।
पिता के सपनों को बनाया साकार
संजीव ने कहा कि उनके पिता की गहरी इच्छा थी कि वे शिक्षक बन कर समाज सेवा करें। हालांकि, आज वह इस खुशी के मौके पर उनके साथ नहीं हैं, परंतु उनके विश्वास और आशीर्वाद ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है।
उन्होंने अपने बड़े भाई दिलीप कुमार पांडेय जो रेलवे में सहायक स्टेशन मास्टर हैं, और छोटे भाई प्रदीप कुमार पांडेय जो भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस में सेवा देते हैं, का विशेष सहयोग बताया। उनके बिना यह संभव नहीं था।
छोटे किसान परिवार की बड़ी उपलब्धि
गांव के लोगों ने इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया और कहा कि एक छोटे किसान परिवार के तीनों पुत्र सरकारी सेवा में हैं, जो कि बड़ी उपलब्धि है। यह परिवार अपने समर्पण और परिश्रम का प्रेरणादायक उदाहरण है।
शुभकामनाओं का दौर
इस मौके पर गांव और आस-पास के कई लोग जैसे अमित कुमार पांडेय, रवि कांत सिंह, राजेश कुमार पांडेय, संजीव शर्मा, शशि कांत पांडेय, कन्हैया तिवारी, अरविंद पांडेय, प्रवीण पांडेय, प्रवीण दुबे, सुधीर पांडेय सहित अनेक लोगों ने संजीव को हार्दिक बधाई दी।
न्यूज़ देखो: समर्पण और मेहनत से बदलते सपनों की कहानी
संजीव की सफलता यह साबित करती है कि सही मार्गदर्शन और परिवार के समर्थन से हर सपना साकार हो सकता है। ऐसे प्रेरणादायक परिवार समाज में सकारात्मक बदलाव की मिसाल हैं। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सपनों को सच करने की प्रेरणा
संजीव की कहानी हम सभी को यह सिखाती है कि कठिनाइयों के बीच भी उम्मीद और मेहनत से हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। अपने आस-पास के लोगों के साथ यह खुशी साझा करें और उन्हें भी प्रोत्साहित करें कि वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए लगातार प्रयास करें।