
#सिमडेगा #नईदिल्ली : केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में झारखंडी दीदियों को मिला राष्ट्रीय मंच पर सम्मान।
- सरस फूड फेस्टिवल 2025 का हुआ भव्य समापन।
- केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान रहे मुख्य अतिथि।
- 29 नवंबर–9 दिसंबर तक चला यह बड़ा राष्ट्रीय आयोजन।
- सिमडेगा की दीदियों ने झारखंडी व्यंजनों से आगंतुकों का मन जीता।
- दीदियों को मोमेंटो व प्रशस्ति पत्र देकर किया गया सम्मानित।
नई दिल्ली के सुंदर नर्सरी परिसर में आयोजित सरस फूड फेस्टिवल 2025 का भव्य समापन गुरुवार को गरिमामय माहौल में हुआ। समापन समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान रहे। उनके साथ कई अन्य केंद्रीय मंत्री, सचिव स्तर के अधिकारी, तथा विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। आयोजन की सफलता ने पूरे देश में ग्रामीण उद्यमिता और पारंपरिक व्यंजनों की ताकत को फिर एक बार नए स्तर पर प्रदर्शित किया।
देशभर के पारंपरिक स्वादों में झारखंडी व्यंजन छाए
29 नवंबर से 9 दिसंबर 2025 तक आयोजित इस महोत्सव में पूरे भारत के स्वयं सहायता समूहों ने अपने-अपने प्रदेशों की पाक-संस्कृति की झलक पेश की। झारखंड के सिमडेगा जिला, विशेषकर ठेठई टांगर प्रखंड से आई स्वयं सहायता समूह की दीदियों ने लगाये गए स्टाल पर पारंपरिक व्यंजनों की अद्भुत विविधता प्रदर्शित की।
स्टाल पर उपलब्ध व्यंजनों का स्वाद लेने के लिए लगातार भीड़ लगती रही, जिससे झारखंडी व्यंजनों की लोकप्रियता राष्ट्रीय स्तर पर और अधिक प्रखर हुई।
केंद्रीय मंत्री ने किया स्टाल का अवलोकन
समापन समारोह के दौरान केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत सभी विशिष्ट अतिथियों ने झारखंडी स्टॉल का विशेष भ्रमण किया।
उन्होंने महिलाओं द्वारा तैयार खाद्य-पदार्थों और उत्पादों की गुणवत्ता, मेहनत और परंपरागत पाक-कला की जमकर सराहना की।
दीदियों द्वारा तैयार कई उत्पादों की मांग अंतिम दिन तक बनी रही, जिसने इस समूह की उद्यमिता को राष्ट्रीय बाजार में नए अवसरों के लिए तैयार कर दिया है।
दीदियों को मिला राष्ट्रीय सम्मान
समारोह के अंत में संयुक्त सचिव एवं अवर सचिव (भारत सरकार) ने झारखंडी महिला समूहों को मोमेंटो और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। यह सम्मान न सिर्फ इन ग्रामीण उद्यमी महिलाओं के लिए गर्व का पल था, बल्कि झारखंड की समृद्ध पाक विरासत को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूती प्रदान करने वाला क्षण भी रहा।
ग्रामीण उद्यमिता की शक्ति का राष्ट्रीय प्रदर्शन
सरस फूड फेस्टिवल ने एक बार फिर सिद्ध किया कि भारत की ग्रामीण महिलाएँ अपने कौशल, मेहनत और रचनात्मकता से देश की अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक पहचान को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाने की क्षमता रखती हैं।
झारखंडी व्यंजनों को मिली राष्ट्रीय पहचान राज्य के लिए भी गर्व का विषय है और आने वाले वर्षों में ऐसे आयोजनों के माध्यम से ग्रामीण उद्यमिता और मजबूत होगी।
न्यूज़ देखो: ग्रामीण उद्यमिता की उड़ान
सरस फूड फेस्टिवल सिर्फ स्वाद का नहीं, बल्कि स्वरोजगार और महिला सशक्तिकरण का भी उत्सव है। झारखंड की दीदियों का प्रदर्शन साबित करता है कि सही मंच मिलने पर ग्रामीण महिलाएँ किसी भी क्षेत्र में अपना लोहा मनवा सकती हैं।
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