
#रांची #शिक्षा_सुधार – सरकारी प्लस टू स्कूलों में अब बच्चों को मिलेगा भविष्य का शिक्षा मॉडल, 34 विषयों की पढ़ाई होगी शुरू
- झारखंड सरकार ने प्लस टू स्कूलों में 22 नये विषयों के लिए 1373 पदों के सृजन को दी मंजूरी
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कोडिंग, साइबर सिक्योरिटी व डेटा साइंस की पढ़ाई अब सरकारी स्कूलों में भी संभव
- अब स्कूलों में जनजातीय व क्षेत्रीय भाषाओं में भी शिक्षक होंगे नियुक्त
- हाई स्कूल व प्लस टू शिक्षकों का वेतनमान व संवर्ग अब एक समान
- सरकारी अस्पतालों में भी निजी विशेषज्ञों की सेवा लेने की खुली राह
- शिक्षा के साथ स्वास्थ्य व्यवस्था को भी बनाया जा रहा अधिक सशक्त और सर्वसुलभ
शिक्षा नीति में बड़ा कदम : हाईटेक शिक्षा की ओर बढ़ता झारखंड
झारखंड कैबिनेट की मंगलवार को हुई बैठक में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया, जिसमें राज्य के प्लस टू स्कूलों में भविष्यगामी विषयों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कोडिंग, साइबर सिक्योरिटी और डेटा साइंस की पढ़ाई को मंजूरी दी गई है। इसके लिए राज्य के 510 सरकारी प्लस टू स्कूलों में 1373 नये शिक्षकों के पद सृजित किए जाएंगे।
सरकार ने ऑलाइड इंग्लिश, कंप्यूटर साइंस, राजनीति शास्त्र, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, दर्शनशास्त्र, भूगर्भशास्त्र जैसे 22 नये विषयों को भी शामिल किया है, जिससे अब कुल 34 विषयों की पढ़ाई इन स्कूलों में हो सकेगी।
तकनीकी और भाषायी विविधता को मिलेगा बढ़ावा
नई शिक्षा व्यवस्था में न केवल तकनीकी विषयों को जोड़ा गया है, बल्कि झारखंड की क्षेत्रीय और जनजातीय भाषाओं को भी शिक्षा में सम्मान मिला है। संथाली, मुंडारी, नागपुरी, कुडुख, खोरठा, पंचपरगनिया, ओड़िया समेत कुल 10 भाषाओं में भी शिक्षकों की नियुक्ति होगी। इससे स्थानीय छात्रों को मातृभाषा में उच्च शिक्षा की सुविधा मिलेगी।
पदों का पुनर्गठन : पुरानी रिक्तियों के बदले नया सृजन
कैबिनेट प्रस्ताव के अनुसार, TGT और PGT संवर्ग के कुल 8900 रिक्त पदों को सरेंडर कर दिया गया है। इसके स्थान पर 1373 माध्यमिक आचार्य के पदों का सृजन किया गया है। ये पद आवश्यकता आधारित होंगे और वेतनमान लेवल-6 (35,400 – 1,12,400 रुपये) में रखे गए हैं।
स्वास्थ्य क्षेत्र में भी बड़ा सुधार : अब सरकारी अस्पताल भी देंगे निजी जैसी सुविधाएं
शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं में भी सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। अब जिला अस्पतालों, सीएचसी और पीएचसी में निजी विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवा ली जा सकेगी। आयुष्मान भारत, अबुआ स्वास्थ्य योजना और कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत अधिकतम क्लेम की राशि लेकर चिकित्सकों व स्टाफ को इंसेंटिव दिया जायेगा।
इस योजना से न केवल डॉक्टरों को प्रेरणा मिलेगी, बल्कि सरकारी अस्पतालों की प्रबंधन और स्वास्थ्य सेवाएं भी बेहतर होंगी। इससे स्वास्थ्य व्यवस्था को IPH मानक के अनुसार मजबूती दी जायेगी।
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