
#गढ़वा #शोकसभा : ओखरगड़ा के पूर्व मुखिया कृष्णा प्रसाद गुप्ता की धर्मपत्नी सतवंती देवी के निधन से ग्रामीणों में शोक की लहर
- ओखरगड़ा के पूर्व मुखिया कृष्णा प्रसाद गुप्ता की धर्मपत्नी सतवंती देवी का निधन।
- निधन की घटना 18 सितंबर 2025 रात 11:10 बजे दर्ज हुई।
- 19 सितंबर 2025 को वाराणसी में दाह-संस्कार सम्पन्न।
- अंतिम संस्कार में डेढ़ से दो सौ लोग शामिल हुए।
- गणमान्य लोगों और परिजनों ने गहरी संवेदना प्रकट की।
गढ़वा जिले के मेराल प्रखंड अंतर्गत ओखरगड़ा में पूर्व मुखिया कृष्णा प्रसाद गुप्ता की धर्मपत्नी सतवंती देवी के निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। परिजनों के अनुसार उनका निधन 18 सितंबर 2025 की रात 11:10 बजे हुआ। अगले दिन 19 सितंबर को वाराणसी में दाह-संस्कार सम्पन्न किया गया, जहां बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
अंतिम संस्कार में उमड़ा जनसैलाब
दिवंगत के अंतिम संस्कार में क्षेत्र के अनेक गणमान्य लोग, परिजन और ग्रामीण उपस्थित हुए। अनुमान के अनुसार करीब 150 से 200 लोग बनारस पहुंचे और परिवार को सांत्वना दी।
श्रद्धांजलि देने वालों की मौजूदगी
अंतिम संस्कार में उपस्थित प्रमुख लोगों में सुबोध प्रसाद गुप्ता, विजय प्रसाद गुप्ता, विष्णु अग्रवाल, गुड्डू अग्रवाल, नीरज सिंह, ब्रजराज सिंह, अशोक केसरी, शिव नारायण यादव, शिव प्रसाद गुप्ता, भोला प्रसाद गुप्ता, लालू प्रसाद गुप्ता, प्रमोद प्रसाद गुप्ता, जितेंद्र प्रसाद गुप्ता, सुरेश प्रसाद गुप्ता, चंद्रिका प्रसाद गुप्ता, मनोज प्रसाद गुप्ता, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, अर्जुन प्रसाद गुप्ता, उदय प्रसाद गुप्ता, गणेश प्रसाद गुप्ता, नरेश प्रसाद गुप्ता, राकेश प्रसाद गुप्ता सहित अनेक लोग शामिल हुए। सभी ने दिवंगत आत्मा की शांति और परिवार को दुख सहने की शक्ति देने की प्रार्थना की।
परिवार और समाज में शोक की लहर
ओखरगड़ा समेत पूरे इलाके में सतवंती देवी के निधन की खबर से लोग स्तब्ध रह गए। गांव के वरिष्ठजनों ने कहा कि वह सामाजिक रूप से सक्रिय और सबको साथ लेकर चलने वाली महिला थीं। परिवार और ग्रामीणों के लिए यह अपूरणीय क्षति है।
न्यूज़ देखो: अपूरणीय क्षति से दुखी समाज
सतवंती देवी का निधन न केवल गुप्ता परिवार बल्कि पूरे समाज के लिए गहरी क्षति है। अंतिम संस्कार में शामिल बड़ी संख्या यह दर्शाती है कि उनके व्यक्तित्व और योगदान ने लोगों के दिलों में खास जगह बनाई थी।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
श्रद्धांजलि और एकजुटता का समय
अब वक्त है कि हम सब एकजुट होकर परिवार को इस दुख की घड़ी में सहारा दें। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें और इस समाचार को साझा कर अधिक से अधिक लोगों को श्रद्धांजलि देने का अवसर दें।